ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक ने की ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय संघ के साथ विज्ञान साझेदारी की तारीफ

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Published By Priya
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लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ब्रेक्जिट के बाद वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एक नयी साझेदारी की वृहस्पतिवार को सराहना की। चार साल पहले 27-सदस्यीय आर्थिक संगठन से ब्रिटेन के बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) के बाद यह सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक था। नयी ‘‘होरिजॉन यूरोप’’ व्यवस्था के तहत ब्रिटेन के वैज्ञानिक और संस्थान फिर से 81 अरब पाउंड की इस योजना से धनराशि के लिए आवेदन कर सकेंगे। 

सुनक ने कहा, "विशेषज्ञता और अनुभव की प्रचुरता को वैश्विक मंच पर लाने के लिए, हमने एक ऐसा करार किया है जिसके तहत ब्रिटेन के वैज्ञानिक दुनिया के सबसे बड़े अनुसंधान सहयोग कार्यक्रम - होरिजॉन यूरोप में आत्मविश्वास से भाग ले सकेंगे।’’ उन्होंने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए यूरोपीय संघ के साझेदारों के साथ काम किया है कि यह ब्रिटेन के लिए उपयुक्त करार है, जो अनोखे अनुसंधान के अवसरों को खोलता है और यह ब्रिटिश करदाताओं के लिए भी उचित सौदा है।"

 इससे पहले बुधवार को सुनक और यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच बातचीत हुई जिसमें दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि ब्रिटेन और यूरोपीय संघ अपनी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने भी वैज्ञानिक साझेदारी के लिए इस करार पर खुशी जताई। यह करार यूरोपीय संघ और उसके पूर्व सदस्य के बीच संबंधों में नरमी आने का एक संकेत है।

 महीनों तक चली बातचीत के बाद, ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि देश अब अनुसंधान सहयोग निकाय का "पूर्णतया संबद्ध सदस्य" बन रहा है। इसके तहत वैज्ञानिक बृहस्पतिवार से ही ‘‘होरिजॉन यूरोप’’ वित्तपोषण से जुड़ सकते हैं और 2024 में शुरू होने वाली ‘‘होरिजॉन’’ समर्थित विज्ञान परियोजनाओं का नेतृत्व कर सकेंगे। ब्रिटेन ‘‘कोपरनिकस’’ कार्यक्रम से भी फिर से जुड़ रहा है। ‘‘कोपरनिकस’’ यूरोपीय संघ के अंतरिक्ष कार्यक्रम का पृथ्वी अवलोकन घटक है।

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