गरमपानी: एक महीने से पानी को तरस रहे छह गांवों के सैकड़ों परिवार
गरमपानी, अमृत विचार। समीपवर्ती गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। यह हालात तब है जब योजना के पुनर्गठन को 2.86 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च भी की जा चुकी है। इसके बावजूद सैकड़ों परिवार पीने के पानी को तरस गए हैं। धूराफाट संघर्ष समिति ने पुनर्गठन के नाम पर बजट ठिकाने लगाने का आरोप लगाया है। जल्द पेयजल आपूर्ति दुरुस्त न करने पर आंदोलन का ऐलान भी कर दिया है।
दरअसल कोसी घाटी के तमाम गांवों को रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। पूर्व में धूराफाट संघर्ष समिति के तत्वावधान में महीने भर चले आंदोलन के बाद सरकार ने 2.86 करोड़ रुपये का बजट योजना के पुनर्गठन के लिए स्वीकृत किया।
उम्मीद जगी कि सूदूर गांवों के लोगों को राहत मिल सकेगी पर उम्मीद धरी की धरी रह गई। लोधियाखान, मुसौली, बयेडी़, हिडा़म, बलियाली आदि तमाम गांवों में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से पेयजल आपूर्ति ठप है। गांव के लोग दूर दराज से सिर पर पानी ढोकर घरों तक पहुंचाने को मजबूर हैं।
धूराफाट संघर्ष समिति अध्यक्ष पूरन चंद पांडे ने पुनर्गठन के नाम पर बजट ठिकाने लगाने का आरोप लगाया है। तहसीलदार को ज्ञापन भेज मामले की जांच करने की मांग की है। चेतावनी दी है की यदि जल्द पेयजल आपूर्ति सुचारु नहीं की गई तो फिर ग्रामीणों को साथ लेकर दोबारा धरना दिया जाएगा।
