बरेली: लखनऊ जल्द...चेन्नई, पुणे, सूरत और हैदराबाद उड़ान के लिए कंपनियां आमंत्रित

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Published By Vishal Singh
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रुहेलखंड जोन के साथ ही कुमाऊं का भी सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन गया सिविल एन्क्लेव

बरेली, अमृत विचार। सिविल एन्क्लेव (बरेली एयरपोर्ट) अब रुहेलखंड जोन के साथ ही कुमाऊं का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन गया है। दिल्ली और लखनऊ के मध्य बरेली एयरपोर्ट से यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े शहरों के लिए उड़ानें शुरू करने में सभी रुकावटें दूर कर ली गईं। अब इंडिगो एयरवेज की 180 से 228 सीटर एयरबस एयरफोर्स के रन-वे से सीधे एयरपोर्ट के एप्रन तक आनी शुरू हो गईं।

एयरपोर्ट परिसर में तीन बड़े एप्रन का निर्माण हुआ है। इसके साथ एयरफोर्स के रनवे से एयरपोर्ट के एप्रन तक टैक्सी-वे चौड़ा कराया गया है। इस उपलब्धि के बाद बरेली से लखनऊ उड़ान जल्द शुरू कराने की तैयारी तेज हो गई है। एलाइंस एयर कंपनी के अधिकारियों से कई बार वार्ता हो चुकी है। अधिकारी पहले से ही सहमत हैं। उम्मीद है कि एक दो माह में लखनऊ उड़ान शुरू हो सकती है। इसके साथ प्राथमिकता में यहां से सूरत, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे को जोड़ने के लिए एयरवेज कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। इंडिगो और एलाइंस एयर कंपनी पहले से बरेली से उड़ानें भर रही हैं।

बेंगलुरू और दिल्ली के लिए रोज उड़ान की संभावना
एयरपोर्ट निदेशक अवधेश अग्रवाल ने बताया कि आकांक्षा, विस्तारा, स्पाइसजेट समेत अन्य एयरवेज कंपनियों को भी विभिन्न शहरों के लिए उड़ानें शुरू करने के लिए आमंत्रित किया है। जयपुर, मुंबई के साथ बेंगलुरू और दिल्ली के लिए रोज उड़ानें शुरू होने की संभावना और बढ़ गई है। अभी तक एयरफोर्स ने रन-वे के पास एक जहाज पार्क करने के लिए जगह दी थी, इस वजह से सप्ताह में तीन दिन मुंबई, बेंगलुरू समेत अन्य फ्लाइटें संचालित करनी पड़ रही थीं लेकिन अब यह समस्या भी दूर हो गई है। एयरवेज कंपनियां प्रतिदिन भी बरेली से उड़ानें संचालित कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि सिविल एन्क्लेव का संचालन एयरफोर्स से निर्भर है इसलिए एयरफोर्स के नियमानुसार सूर्योदय के एक घंटे बाद और सूर्यास्त के एक घंटे पहले तक वह उड़ान भरने के लिए सहमति दे सकते हैं। भविष्य में सुबह और शाम को भी बरेली से उड़ानें शुरू होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद के मूढ़ापांडे और कुमाऊं के पंतनगर एयरपोर्ट छोटे हैं, जबकि बरेली एयरपोर्ट बड़ा है, इसलिए भविष्य में भी बरेली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक और बढ़ेगा। कुमाऊं, मुरादाबाद और बरेली मंडल का एयर ट्रैफिक पहले से ही मिल रहा है।

एयरफोर्स के सहयोग से तीन माह में पूरा कराया टैक्सी-वे का निर्माण
- बरेली: एयरपोर्ट निदेशक अवधेश अग्रवाल ने बताया कि टैक्सी-वे के चौड़ीकरण के लिए एयरफोर्स की ओर से पहली अनुमति 7 जुलाई को मिली थी। अड़चनें कई थीं। एयरफोर्स के मध्य कमान से अनुमति समेत डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से कई औपचारिकताएं पूरी करनी थीं। एयरफोर्स प्रबंधन का सहयोग मिला। मानसून सत्र होने के बावजूद करीब तीन माह में टैक्सी-वे का निर्माण 30 सितंबर को पूरा हो गया। उन्होंने बताया कि करीब 819 मीटर लंबे टैक्सी-वे का चौड़ीकरण हुआ है। पहले 18 मीटर चौड़ा था। दोनों तरफ के शोल्डर मिलाकर करीब 34 मीटर चौड़ा टैक्स-वे हो गया। एयरबस या एटीआर रन-वे पर लैंड के बाद सीधे एयरपोर्ट में आसानी आ जा सकेंगे। 180 से 228 सीटर एयरबस पार्क के लिए तीन बड़े एप्रन और टैक्सी-वे के चौड़ीकरण में करीब 18 करोड़ रुपये खर्च हुआ है।

यात्रियों के 25 मिनट सुरक्षित... एयरपोर्ट में आई जयपुर की फ्लाइट
- टैक्सी-वे का निर्माण पूरा होने के बाद बुधवार को एयरपोर्ट के एप्रन तक पहली फ्लाइट जयपुर से आई। इंडिगो का इस रूट पर 72 एटीआर उड़ान भरता है। एयरबस के अंदर आने से यात्रियों के करीब 25 मिनट सुरक्षित हो गए। साथ ही इंडिगो का अतिरिक्त फ्यूल खर्च कम हो गया और अलग से यात्रियों को पहुंचाने के लिए बसें नहीं लगानी पड़ेंगी। पहले एयरबस एयरफोर्स के रन-वे के पास लैंड होती थी, तब इंडिगो को एयरबस तक यात्रियों को लाने और एयरपोर्ट तक छोड़ने के लिए करीब 5.5 किलोमीटर के लिए बसें लगानी पड़ती थीं। उझानी के कृष्ण वार्ष्णेय हैदराबाद में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह इंडिगो की जयपुर की कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़कर पहली बार बरेली पहुंचे। उनका कहना है कि फ्लाइट के अंदर आने से समय की काफी बचत हुई। वहीं अहमदाबाद से कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़कर जयपुर से बरेली आए बुजुर्ग ने कहा कि एयरपोर्ट के अंदर उतरने से समय काफी बचा है।

मूढ़ापांडे एयरपोर्ट को जल्द मिलेगा लाइसेंस
बरेली, अमृत विचार: सिविल एन्क्लेव के निदेशक अवधेश अग्रवाल ने बताया कि मुरादाबाद के मूढ़ापांडे में नवनिर्मित एयरपोर्ट के संचालन के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं। यहां से उड़ानों के संचालन के लिए डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से अनुमति मांगी गई है। जल्द लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। यहां से आगरा, लखनऊ, अयोध्या समेत अन्य शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो सकती हैं।

टर्मिनल निर्माण में 22 साल गुजर गए
- सिविल एन्क्लेव की नींव 23 अगस्त 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मयूर वन चेतना केंद्र में रखी थी। उसके बाद भूमि अधिग्रहण और टर्मिनल निर्माण में 22 साल गुजर गए थे। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले छोटा टर्मिनल बनकर तैयार हुआ। तब टर्मिनल का उद्घाटन कर दिया लेकिन फ्लाइट शुरू नहीं हुई थी। 2019 तक किसी एविएशन कंपनी ने बरेली एयरपोर्ट की तरफ रुख नहीं किया। इसके बाद नया टर्मिनल 70 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया गया।

जरूरी इन्फो

- 8 मार्च 2021 को पहली फ्लाइट बरेली-दिल्ली शुरू

- 12 अगस्त 2021 दूसरी फ्लाइट बरेली-मुंबई शुरू

- 14 अगस्त 2021 तीसरी फ्लाइट बरेली-बेंगलुरू शुरू

- 26 मार्च 2023 चौथी फ्लाइट बरेली-जयपुर शुरू

- 150 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाला है एयरपोर्ट का टर्मिनल

- 2520 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बना है बरेली एयरपोर्ट

- 90 कारों को पार्क करने के लिए एयरपोर्ट में है पार्किंग स्थल

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