उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग: मशीन के टुकड़े निकालने के बाद हाथ से शुरू होगा श्रमिकों तक पहुंचने का काम

उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग: मशीन के टुकड़े निकालने के बाद हाथ से शुरू होगा श्रमिकों तक पहुंचने का काम

नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के काम के समय टूटे ऑगर मशीन की हिस्सों को बाहर निकाला जा रहा है और उसके बाद हाथों से मजदूर तक पहुंचाने का रास्ता बनाया जाएगा।

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एनडीएम के सदस्य तथा लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने रविवार को यहां नेशनल मीडिया सेंटर में संवाददाताओं को संबोधित करते श्रमिकों को निकालने की प्रगति का विवरण देते हुए कहा कि ऑगर मशीन के टुकड़े 47 मीटर अंदर फंसे थे और उन्हें अब 35 मीटर तक बाहर निकाल लिया गया है। शेष काम रात तक पूरा होने की उम्मीद है और उसके बाद फिर हाथों से आगे की खुदाई का काम शुरू होगा।

श्रमिकों को निकालने के विकल्प का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि छह विकल्पों पर काम चल रहा है। पांच विकल्पों के लिए ज़रूरी तैयारी की जा चुकी है और अब छठे विकल्प पर भी विचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि ड्रिलिंग के लिए नयी मशीन वहां पहुंचा दी गयी है। ऑगर मशीन के जो टुकड़े अंदर फंसे थे उनको काट कर निकालने का काम चल रहा है।

ये टुकड़े करीब 47 मीटर अंदर फंसे थे जिन्हें 35 मीटर तक निकाला जा चुका है और 13 मीटर का काम बाकी रह गया है। प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि टुकड़े निकालने का काम रात तक पूरा हो जाएगा और फिर 47 मीटर तक जो खुदाई हुई है वहां से आगे सेना के इंजीनियर तथा अन्य मिलकर मैन्युअल काम शुरू करेंगे।

उनका कहना था कि 47 मीटर के बाद अब 15 मीटर की खुदाई हाथ से की जानी है इसलिए काम की रफ्तार पहले की अपेक्षा कम हो जाएगी लेकिन यह सुरक्षित होगी। उन्होंने कहा कि सुरंग के ऊपर से भी खुदाई का काम आज सुबह शुरू कर दिया गया और यह खुदाई 86 मीटर तक होनी है। इसमें सारे भू वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है और 15 मीटर तक खुदाई का काम हो चुका है।

इस तरीके से यदि श्रमिकों तक पहुंच जाता है तो उनको एक-एक करके ट्रॉली से निकाला जाएगा। इस काम में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों को महारत हासिल है। इसके अलावा तीसरे विकल भी काम शुरू किया जा चुका। सभी विकल्प पर काम शुरु हो चुका है लेकिन पहला विकल्प इनमे सबसे बेहतर है।

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