हल्द्वानी: जनता के 72 करोड़ से बना अस्पताल, चलाएगी प्राइवेट संस्था

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Published By Bhupesh Kanaujia
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 हल्द्वानी, अमृत विचार। आम जन को बेहतर इलाज देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से खोले गए अस्पतालों में से कुछ अस्पतालों को पहले ही पीपीपी मोड पर दिया जा चुका है। अब 200 बेड के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल मोतीनगर को भी निजी हाथों में देने की तैयारी है। जनता की गाढ़ी कमाई से बने इन अस्पतालों को निजी हाथों में देने का विरोध होता रहा है लेकिन सरकार का दावा है कि इससे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

हल्द्वानी से लगभग छह किलोमीटर दूर मोतीनगर स्थित कुष्ठ आश्रम परिसर में 2.63 हेक्टेयर में 200 बेड के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का भवन बनकर तैयार हो गया है। इस पर लगभग 72 करोड़ 89 लाख की लागत लगी है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत बनाए गए इस अस्पताल की नींव 18 अक्टूबर 2021 को लालकुआं विधानसभा के पूर्व विधायक नवीन दुम्का ने रखी थी। इसके पीछे कुमाऊं के लोगों को पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर इलाज की सुविधा देने की मंशा थी। उम्मीद थी कि अस्पताल बनने के बाद सरकार इसे अपने स्तर से चलाएगी पर अब उम्मीदों पर पानी फिरने जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार सरकार ने 200 बेड के अस्पताल को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) में देने की तैयारी कर ली है। यह बात बीते दिन इन्वेस्टर्स समिट में हेल्थकेयर सेक्टर पर हुई चर्चा में सामने आई है। इसके अलावा हरिद्वार मेडिकल कॉलेज, हर्रावाला देहरादून स्थित 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, हरिद्वार स्थित 200 बेड के एमसीएच सेंटर को भी निजी क्षेत्र के सहयोग से चलाने पर विचार चल रहा है। 


200 बेड के अस्पताल को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से चलाने पर आम लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इससे अस्पताल में स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं अच्छी मिलेंगी।
- डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य उत्तराखंड

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