बागेश्वर: बैजनाथ जन औषधि केंद्र का ताला तोड़ा, तो निकली ब्रांडेड दवाइयां

बागेश्वर: बैजनाथ जन औषधि केंद्र का ताला तोड़ा, तो निकली ब्रांडेड दवाइयां

 बागेश्वर, अमृत विचार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ में प्रशासन की नाक के नीचे गरीबों की जेब काटने का काम कई सालों से चल रहा था। जब पानी गले से ऊपर गया तो कुछ जागरूक व्यक्तियों ने आवाज उठाई व केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग के साथ अपना ताला भी जड़ दिया। 

इधर, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व राजस्व उपनिरीक्षक की मौजूदगी में केंद्र का ताला खोला तो वहां जन औषधि की सस्ती दवाइयां तो नहीं बल्कि कई कंपनियों की ब्रांडेड दवाइयां मिलीं। अब स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर लोगों की नजरें टिकी हैं। ग्रामीणों ने केंद्र को निरस्त करने की मांग की है।

बैजनाथ, कपकोट, जिला अस्पताल व कांडा में सबेरा कल्याण समिति द्वारा जन औषधि केंद्र में लंबे समय से बाहर की दवाइयां बिक्री होने व सस्ती दवाइयां न होने की शिकायत मिल रही थी परंतु प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इस ओर आंखें मूंदे हुए था। जिससे भकुनखोला के ग्राम प्रधान हिमांशु खाती व अधिवक्ता गिरीश कोरंगा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की व धरना दिया।

साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की मौजूदगी में केंद्र में अपना ताला भी जड़ दिया। जिसके बाद अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनुपमा हयांकी व राजस्व विभाग ने अस्पताल के केंद्र का ताला खोला तो वहां जन औषधि केंद्र की दवाइयां नहीं के बराबर मिली, जबकि कई कंपनियों की महंगी दवाइयां मिली जिन्हें अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने सीज कर दिया। इससे साफ हो गया है कि अब तक कई मरीजों को चिकित्सालय के अंदर से महंगी दवाइयां की बिक्री की जा रही थी तथा स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन इस पर आंखें मूंदे हुए था। 

अधिवक्ता गिरीश कोरंगा ने बताया कि प्रशासन ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है जबकि केंद्र का लाइसेंस निरस्त किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे अदालत की शरण लेंगे। इधर, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनुपमा हयांकी ने बताया कि बाहर की दवाइयां केंद्र के अंदर मिलना गलत है, इस संबंध में जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जा रही है।

केंद्र में दवाइयाें का अभाव
जन औषधि केंद्र से ब्रांडेड दवाइयां मिलने व उन्हें सीज करने के बाद अब केंद्र में दवाइयों का अभाव हो गया है। बता दें कि केंद्र में मात्र सस्ती व प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की दवाइयां ही बिक्री की अनुमति थी परंतु यहां बड़ा खेल चल रहा था। शिकायत के बाद ब्रांडेड दवइयां सीज होने के बाद अब केंद्र में दवाइयां ही नहीं हैं। स्थानीय जनता ने केंद्र में जन औषधि की सस्ती दवाइयां रखे जाने की मांग की है।