Exclusive News: मात्र एक माह में बिना मजदूरों के ढाई करोड़ से बनेगी सड़क... आगरा की नामी कंपनी को मिला प्रेाजेक्ट
कानपुर में बिना मजदूरों के ढाई करोड़ से सड़क बनेगी।
पिपरगवां से सनिगवां जाने वाली 7.50 किलोमीटर लंबी रोड फुल डेप्थ रिक्लिेमेशन (एफडीआर) तकनीक से बनेगी। तकनीक के माध्यम से बनाई जाने वाली सड़क में मजदूरों के बजाये सिर्फ मशीनरी का प्रयोग किया जाएगा।
कानपुर, (अभिनव मिश्र)। पिपरगवां से सनिगवां जाने वाली 7.50 किलोमीटर लंबी रोड फुल डेप्थ रिक्लिेमेशन (एफडीआर) तकनीक से बनेगी। तकनीक के माध्यम से बनाई जाने वाली सड़क में मजदूरों के बजाये सिर्फ मशीनरी का प्रयोग किया जाएगा। सड़क निर्माण के लिए आगरा की कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम दिया गया है। फरवरी के अंत तक सड़क निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आने वाली पिपरगवां से सनिगवां जाने वाली 7.50 किलोमीटर की सड़क पर सैकड़ों गड्ढे हैं। पीडब्ल्यूडी ने डिजाइन सर्वे तैयार कर आगरा की देव कंस्ट्रक्शन कंपनी को 2.50 करोड़ की लागत से सड़क बनाने का प्रोजेक्ट दिया है। भारी वाहनों का आवागमन भी आसानी से हो सके, इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने पिपरगवां-सनिगवां मार्ग को एफडीआर तकनीकी से बनाने की योजना तैयार की है।
कंस्क्ट्रक्शन कंपनी ने एफडीआर तकनीकी से सड़क पर 100 मीटर का ट्रायल वर्क कर दिया है। इसकी जांच के लिए पीडब्ल्यूडी ने आईआईटी बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) को ट्रायल वर्क का सैंपल जांच के लिए दो फरवरी को भेजा है। फरवरी माह के अंत तक सैंपल रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी। सड़क निर्माण से पिपरगवां से सनिगवां तक पड़ने वाले करौली, बघारा, कुईहार, कुरियां समेत अन्य गांव की लगभग 30 हजार की आबादी को लाभ मिलेगा।
यह है एफडीआर तकनीक
एफडीआर पद्धति में अत्याधुनिक मशीन का प्रयोग होगा, जो पुराने मैटीरियल के साथ छोटे व बड़े बोल्डर को मिक्स करेगी। मशीन से इसकी पेस्टिंग की जाएगी। इस तरह सड़क की पूरी सतह तैयार होगी। इसके बाद पिच कार्य होगा। इस तकनीक से लागत में कमी आती है।
एक माह में बन जाएगी सड़क
मशीनों के माध्यम से पहले एक लेयर का कार्य कराया जाएगा, जिसमें 15 से 20 दिनों का समय लगेगा। इसके बाद दूसरी लेयर का कार्य होगा, जो 10 से 12 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। सड़क निर्माण में मजदूरों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
नई गिट्टी नहीं पड़ेगी, केमिकल का प्रयोग
एफडीआर तकनीक से बनने वाली सड़क में अलग से गिट्टी का प्रयोग नहीं किया जाता है, जो गिट्टी पहले से सड़क में होती है, उसी में मिट्टी व केमिकल को मिक्स करके सड़क का निर्माण किया जाता है। जिससे सड़क लेवल में रहती है और अलग से गिट्टी का प्रयोग न करने से खनन विभाग का भी फायदा होता है।
सड़क निर्माण एफडीआर तकनीक से किया जाएगा। ट्रायल के रूप में 100 मीटर सड़क बनाकर सैंपल आईआईटी बीएचयू को भेजा गया है। रिपोर्ट मानक अनुरूप आने पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा, जिसमें मजदूरों का प्रयोग न के बराबर रहेगा। सारा काम मशीनरी से पूरा किया जाएगा।-दिलीप कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी पीएमजीएसवाई
ये भी पढ़ें- Good News: हाईवे से चकेरी औद्योगिक क्षेत्र तक फोरलेन रोड... औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश, अब और आसान होगा रास्ता
