Exclusive News: बच्चे मांग रहे इलाज, महिलाओं को चाहिए बाजार... कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू अस्पताल के कब बहुरेंगे दिन

कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू अस्पताल के कब बहुरेंगे दिन

Exclusive News: बच्चे मांग रहे इलाज, महिलाओं को चाहिए बाजार...  कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू अस्पताल के कब बहुरेंगे दिन

कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। महापौर प्रमिला पांडेय ने पिछले कार्यकाल की अपनी अधूरी ख्वाहिशें गिनाते हुए वादा किया था कि यदि जनता ने दोबारा मौका दिया तो सबसे पहले चाचा नेहरू अस्पताल को पीपीपी मॉडल पर नई सुविधाओं के साथ शुरू करूंगी।

महिला मार्केट बनाना भी उनकी प्राथमिकता होगी। अब जनता ने तो उन्हें दोबारा मौका दे दिया लेकिन महापौर पद पर असीन हुए नौ माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी   महापौर अपने दोनों अधूरे वादों पर एक कदम भी काम आगे नहीं बढ़ सकी हैं।  

महापौर प्रमिला पांडेय ने 110 पार्षदों के साथ 27 मई 2023 को मोतीझील में पद की शपथ ली थी। इस दौरान मंच से ही महापौर ने अधूरे कार्यों को पूरा करने का वचन देने के साथ पार्षदों को पहले दिन से ही वार्डों में जुट जाने के लिए कहा था। लेकिन कार्यकाल के बीते 260 दिनों में नाली सफाई, झाडू लगवाने और कूड़ा उठवाने के अलावा पार्षदों ने कोई भी विकास कार्य नहीं कराया है।

महापौर के भी  अधूरे काम आगे नहीं बढ़े हैं। सदन और कार्यकारिणी की बैठक होने के बाद भी कोपरगंज में चाचा नेहरू अस्पताल और स्वरूप नगर घंटाघर में महिला बाजार पर कोई  चर्चा तक नहीं हुई है।

सीएम योगी से मंजूरी पर नहीं हुई पूरी

चाचा नेहरू अस्पताल को फिर से शुरू करने की तैयारियां पिछले वर्ष की गई थीं। महापौर प्रमिला पांडेय ने इसे शुरू करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूरी मिल गई थी। हॉस्पिटल को 100 बेड  क्षमता तक बढ़ाया जाना है।

पहले फेज में इसे 50 बेड और ओपीडी के साथ शुरू करना है। 20 बेड पीडियाट्रिक आइसीयू और 30 बेड ऑक्सीजन युक्त होने हैं। यहां सिर्फ बच्चों का इलाज होगा। महापौर ने मुख्यमंत्री से इसका लोकार्पण कराने की भी बात कही थी।

1964 में खुला था चाचा नेहरू अस्पताल

1964 में चाचा नेहरू अस्पताल को नगर निगम ने शुरू किया था। लेकिन वर्ष 1997 में ये बंद हो गया था। इसके बाद से बंद ही पड़ा रहा। नगर निगम ने इसे संवारने के लिए काम शुरू किया था, जो 60 फीसदी पूरा हो चुका है। डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अमित सिंह ने बताया कि डॉक्टर समेत 100 स्टाफ की जरूरत है। इसके अलावा मेडिकल इक्विपमेंट की खरीद के लिए डॉक्टर्स की कमेटी भी बनाई जा चुकी है। स्टाफ की नियुक्ति को लेकर मंथन चल रहा है। कोशिश है कि मेडिकल कॉलेज स्टाफ रखकर इसे संचालित करें।

तीन अस्पताल और 40 डिस्पेंसरी

नगर निगम के शहर में कुल 43 अस्पताल और डिस्पेंसरियां हैं। इसमें तीन अस्पताल चाचा नेहरू अस्पताल कोपरगंज, जागेश्वर अस्पताल गोविंद नगर और बीएन भल्ला अस्पताल बाबूपुरवा हैं। मौजूदा समय में यहां डॉक्टर और स्टाफ नहीं के बराबर हैं। नगर निगम के कुछ कर्मचारी जरूर कार्यरत हैं।

कुर्सी, मेज, बेड समेत जरूरी संसाधन भी अस्पतालों में नहीं है। नगर निगम की डिस्पेंसरियों की तो हालत और भी दयनीय है। कई डिस्पेंसरी का तो ताला तक नहीं खुलता है। नगर निगम का मेडिकल विभाग पूरी तरह से खत्म हो गया है। 

मैं अभी भी महिला मार्केट बनवाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। चाचा नेहरू अस्पताल को शुरू करने में दिक्कत आ रही है। हालांकि इसे लेकर शासन स्तर पर बात चल रही है। अभी इस काम पर कोई बात आगे नहीं बढ़ी है।- प्रमिला पांडेय, महापौर

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