Bareilly News: मनरेगा...उधार की पटरी पर हांफ रही विकास की गाड़ी

ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्याें में इस्तेमाल सामग्री का छह माह से लटका है भुगतान

Bareilly News: मनरेगा...उधार की पटरी पर हांफ रही विकास की गाड़ी

अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। जिले में मनरेगा का हाल दिन पर दिन बुरा होता जा रहा है। स्थिति यह है कि समय से किसी भी मद का भुगतान नहीं हो पा रहा है। श्रमिकों से लेकर सामग्री तक का भुगतान लटका हुआ है और जिम्मेदार हैं कि उधार की पटरी पर विकास की गाड़ी को खींचने में लगे हैं।
जिले में 1188 ग्राम पंचायतें हैं। मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में बेरोजगारों को साल में 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी दी जाती है, मगर पिछले कुछ समय से स्थिति डांवाडोल होती जा रही है। 

श्रमिकों से लेकर सामग्री तक का भुगतान समय से नहीं हो पा रहा है। श्रमिक तो परेशान हैं ही उधार निर्माण सामग्री देने वाली फर्माें के संचालक भी मुश्किल में हैं। मनरेगा वेबसाइट के अनुसार सामग्री मद का 14 करोड़ 53 लाख से भी ज्यादा का भुगतान लटका हुआ है। पिछले छह माह से सप्लायरों का भुगतान नहीं हो सका है। कई बार सप्लायरों ने सामग्री देने से मना कर दिया। भुगतान को लेकर स्थिति ऐसी ही रही तो निर्माण कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

एक फर्म के संचालक ने बताया कि एक साल पहले दमखोदा ब्लॉक में गोशाला के निर्माण में वेल्डिंग का कार्य किया था। सचिव के कहने पर काम किया था, मगर भुगतान नहीं किया गया है। यह समस्या किसी एक की नहीं है बल्कि ज्यादातर सप्लायर भुगतान का दुखड़ा रो रहे हैं। सप्लायर कहते हैं कि भुगतान कब मिलेगा पता नहीं। भुगतान की बात आने पर अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं।

नवाबगंज में सबसे ज्यादा 367.42 लाख का भुगतान लटका
भुगतान में सबसे खराब स्थिति नवाबगंज ब्लाक की है। यहां सबसे ज्यादा 367.42 लाख रुपये का भुगतान लटका हुआ है। सबसे कम भुगतान क्यारा ब्लॉक में 7.27 लाख बाकी है। आलमपुर जाफराबाद में 46.37 लाख, बहेड़ी में 135.76 लाख, भदपुरा में 181.18 लाख, भोजीपुरा में 74.22 लाख, भुता में 140.33 लाख, बिथरी चैनपुर में 50.67 लाख , दमखोदा में 75.95 लाख, फरीदपुर में 51.05 लाख, फतेहगंज पश्चिमी में 34.45 लाख, मझगवां में 143.25 लाख, मीरगंज में 26.66 लाख,रामनगर में 1.84 लाख, शेरगढ़ में 6.85 लाख रुपये बकाया हैं।

कर्मचारियों का भी मानदेय लटका
मनरेगा में सिर्फ श्रमिकों, सप्लायरों का ही भुगतान नहीं लटका है, कर्मचारियों को भी महीनों से मानदेय नहीं मिला है। एपीओ, तकनीकी सहायक, लेखा सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर और ग्राम रोजगार सेवक मानदेय न मिलने से परेशान हैं। इनमें करीब 750 रोजगार सेवक हैं और 1300 अन्य कर्मचारी। करीब ढाई माह से भुगतान नहीं हुआ है।

राजगीरों का नहीं किया भुगतान
निर्माण कार्य करने वाले राजगीर भी भुगतान के लिए परेशान हैं। उनका करीब एक करोड़ 56 लाख रुपये से अधिक बकाया है। ब्लाॅक वार स्थिति देखें तो आलमपुर जाफराबाद में 5.68 लाख रुपये, बहेड़ी में 7.28 लाख, भदपुरा में 20.36 लाख, भोजीपुरा में 13.4 लाख, भुता में 11.92 लाख, बिथरी चैनपुर में 9.1 लाख, दमखोदा में 9.6 लाख, फरीदपुर में 9.7 लाख, फतेहगंज पश्चिमी में 6.75 लाख, क्यारा में 1.98 लाख, मझगवां में 6.29 लाख, मीरगंज में 2.82 लाख, नवाबगंज में 42.66 लाख, रामनगर में 1.84 लाख और शेरगढ़ में 6.85 लाख रुपये का भुगतान बकाया है।

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