Bareilly News: जल जीवन मिशन वाले तो डिप्टी सीएम की भी नहीं सुनते...

जल जीवन मिशन के तहत पहले चरण में 1405 गांवों में बिछाई जा रहीं पाइप लाइन

Bareilly News: जल जीवन मिशन वाले तो डिप्टी सीएम की भी नहीं सुनते...

बरेली, अमृत विचार। गांव की गलियां ही किसानों के लिए हाईवे हैं। हर घर जल योजना के तहत ठेकेदारों ने इन्हें खोदकर छोड़ दिया है। ग्रामीणों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है। ये गलियां तुरंत बनाई जाएं यह आदेश डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 24 दिसंबर को रिठौरा नगर पंचायत में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों को दिए थे। यह भी कहा था कि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी मानें। लेकिन, अफसरों पर इस आदेश का कोई असर नहीं दिखा।

बिथरी, नवाबगंज, शेरगढ़, बहेड़ी समेत अन्य ब्लाकों के सैकड़ों गांवों की स्थिति यह है कि जल जीवन मिशन के तहत खोदी गई सड़कें ऐसे ही जर्जर हालत में पड़ी हैं। कार्यदायी संस्था के ठेकेदार इस कदर बेलगाम हैं कि पाइप लाइन डालकर सड़कों को दुरुस्त कराना जरूरी नहीं समझते। कहीं साल भर से सड़कें उधड़ी पड़ी हैं तो कहीं महीनों से पानी लीकेज परेशान का सबब बना है। ग्रामीण उधड़ी सड़कों पर गिर रहे हैं वहीं अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जहां- जहां पाइप लाइन का परीक्षण पूरा हो रहा है। वहां सड़कें ठीक कराई जा रही हैं।

जनप्रतिनिधि भी परेशान...हर बैठक में मुद्दा बनती हैं उधड़ी सड़कें
जल जीवन मिशन योजना के तहत पहले चरण में जिले की 1405 ग्राम पंचायतों में घर-घर पेयजल पहुंचाया जाना है। उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण यह काम एनएनसी नाम की एजेंसी से करा रहा है। इस एजेंसी के ठेकेदारों की मनमानी से जनप्रतिनिधि भी परेशान हैं। दिशा की बैठक हो या विकास कार्यों से जुड़ी अन्य कोई बैठक, जनप्रतिनिधि गांव की बदहाल सड़कों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हैं। जिलाधिकारी आश्वासन देते हैं लेकिन, जल निगम ग्रामीण के अफसर सड़कों की मरम्मत को तैयार नहीं हैं।

देश में मिला है तीसरा स्थान
जल जीवन मिशन से जुड़ी योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए पिछले दिनों बरेली जिले को देश में तीसरा स्थान मिला है। इस सुविधा में कितनी असुविधा है इसका अंदाजा मुख्यमंत्री पोर्टल पर की जाने वाले शिकायतों से लगाया जा सकता है। सबसे अधिक शिकायतें सड़कों को लेकर होती हैं। इनके निस्तारण से भी लोग असंतुष्ट नजर आते हैं। पिछले दिनों रियलटी चेक में किसी ने बार-बार शिकायत पर भी सुनवाई न होने के बाद खुद के खर्च पर लीकेज की समस्या का निदान कराने तो किसी ने सड़क उखड़े होने की समस्या के पोर्टल पर फर्जी निस्तारण की बात बताई थी।

जल निगम ग्रामीण के अफसर और कार्यदायी संस्था का ठेकेदार कुछ सुनने को तैयार नहीं है। पानी की पाइप लाइन बिछाने को खोदे गए गड्ढे में ईंट बिछाकर औपचारिकता निभाई गई है। इससे रात में ग्रामीण ठोकरें खाकर गिरने को मजबूर हैं।-भानु प्रताप, नगरिया कला, शेरगढ़

गांवों में सीसी रोड बनवाने में चप्पलें घिस जाती हैं। जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने को सड़क उखाड़ दी गई। काफी जद्दोजहद के बाद सड़क पाट दी लेकिन मरम्मत कराने की जहमत ठेकेदार ने नहीं उठाई।-संजय पटेल, तैयतपुर, बिथरी चैनुपर

सड़क खोदकर पाइप लाइन बिछा दी, लेकिन सड़क को समतल नहीं किया गया। सड़क के बीचों बीच पाइप लाइन के कारण दूर तक गड्ढे हैं। कहीं-कहीं पत्थर भी पड़े हैं। ग्रामीणों को सड़क पर गुजरने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।-गजेंद्र पटेल, बिथरी चैनपुर

ठेकेदार कोई बात नहीं सुनता है। कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी है कि सड़क को पाइप लाइन के लिए खोदें तो उसे पहले की तरह ही सही करके दें। खोदी गई सड़कों पर गिरकर ग्रामीण चोटिल होते हैं वहीं अक्सर वाहन फंस जाते हैं-सचिन, मुडिया अहमदनगर

परियोजना में बोरिंग, पाइप लाइन बिछाने व टंकी बनाने का काम एक पैकेज के रूप में किया जा रहा है। पाइप लाइन में लीकेज तो नहीं है, इस बात का परीक्षण करने के बाद ही सड़क को पक्का किया जाता है। इससे पहले मिट्टी डालकर चलने लायक बना दिया जाता है। कार्यदायी संस्था को चेतावनी दी गई कि निर्धारित समय के बाद सड़क को पहले की तरह ही सही कर दें। कहीं पर ऐसा नहीं किया गया है तो वे जांच कराएंगी। ग्रामीणों को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी-कुमकुम गंगवार, एक्सईएन, जल निगम (ग्रामीण)।

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