ध्रुव जुरेल को देखकर लगा था कि लड़का कुछ खास है : कोच फूल चंद 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

नई दिल्ली। ध्रुव जुरेल के कोच फूल चंद ने कहा कि जब यह खिलाड़ी 14 साल की उम्र में उनकी अकादमी में क्रिकेट सीखने के लिए अकेले पहुंच गया था तो उन्हें महसूस हुआ था कि यह लड़का कुछ खास है। और जब इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट के शुरूआती दिन ध्रुव को टेस्ट कैप प्रदान की गयी तो वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर सके। ध्रुव के पिता नेम चंद कारगिल युद्ध लड़ चुके हैं और जब उनके पिता का निधन हुआ था तो 14 साल के ध्रुव अपने पिता के बिना ही आगरा का घर छोड़कर अकेले नोएडा में फूल चंद की मशहूर अकादमी पहुंच गये थे। 

वहीं फूल चंद इस बात से हैरान थे कि ध्रुव के साथ कोई नहीं था। कोच ने कहा, ‘‘मेरे पूछने से पहले ही लड़के (ध्रुव) ने कहा, सर मेरा नाम ध्रुव जुरेल है। कृपया मुझे अपनी अकादमी में ले लीजिये।  कोच इस युवा के आत्मविश्वास से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने साक्षात्कार में कहा, उसके साथ कोई नहीं था। मुझे लगा कि कोई स्थानीय लड़का है लेकिन उसने कहा, सर मैं आगरा से अकेले आया हूं और जिस दोस्त ने अपने घर में मेरा इंतजाम करने का वादा किया था, वह मेरा फोन नहीं उठा रहा है। कोच इस खिलाड़ी के पिता को फोन करना चाहते थे कि कहीं वह क्रिकेट खेलने के लिए घर से भागकर तो नहीं आया। उनके पिता ने 1999 में कारगिल की जंग लड़ी और फिर 2008 में स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ली।

कोच ने कहा, मैंने उससे उसके पिता का नंबर पूछा। उसके पिता ने बताया कि वह अकादमी आना चाहता था लेकिन उसके दादा की तेरहवी थीं। इसलिये उसने कहा कि मैं आगरा से दिल्ली खुद चला जाऊंगा।  फूल चंद ने कहा, ‘‘13 साल का लड़का अकेला यात्रा करके आया तो मुझे लगा कि यह लड़का विशेष है।  23 साल के ध्रुव ने राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ 104 गेंद में 46 रन की पारी खेलकर अच्छी शुरूआत की। हालांकि सीनियर टीम तक पहुंचने की उनकी यात्रा कदम दर कदम रही है। 

वह उत्तर प्रदेश के लिए आयु वर्ग का क्रिकेट खेलने के बाद भारत की अंडर-19 टीम के उप कप्तान बने जो दक्षिण अफ्रीका में 2020 विश्व कप में उप विजेता रही थी। इसके बाद 2022 आईपीएल नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें खरीदा और पिछले साल उन्होंने टीम के लिए पदार्पण किया। गुरुवार को दिनेश कार्तिक से टेस्ट कैप मिलने के बाद ध्रुव के कोच फूल चंद के लिए अपनी भावनाओं पर काबू करना मुश्किल हो गया। उन्होंने कहा, एक शिक्षक के लिए इससे बड़ा दिन नहीं हो सकता जब उसका छात्र अच्छा करे। वह मेरा पहला खिलाड़ी होगा जो टेस्ट क्रिकेट खेलेगा और तेज गेंदबाज शिवम मावी के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाला दूसरा खिलाड़ी है।

ये भी पढ़ें : Ravichandran Ashwin 500 Test Wickets : रविचंद्रन अश्विन ने रचा इतिहास, टेस्ट में पूरे किए 500 विकेट

संबंधित समाचार