हरदोई: शार्ट सर्किट से लगी आग, लाखों की नगदी और घर-गृहस्थी हुई राख

पति की मौत के बाद दूसरे के घरों में चौका-बर्तन बच्चो के साथ कर रही थी गुजारा

हरदोई: शार्ट सर्किट से लगी आग, लाखों की नगदी और घर-गृहस्थी हुई राख

हरदोई। ट्रेन एक्सीडेंट में पति की मौत के बाद दूसरों केक्षघरों में चौका-बर्तन कर किराए के मकान में रह कर अपने बच्चों आए साथ गुजारा कर रही विधवा के मकान में शार्ट सर्किट से आग लग गई, जिससे उसने अपनी छत के लिए जोड़ कर रखे एक लाख 80 हजार और सारी घर-गृहस्थी का सारा सामान राख हो गया। इसका पता होते ही वहां हड़कंप मच गया।

बताया गया है कि कोतवाली शहर इदरीस गंज निवासी रीतेश दीक्षित की करीब 14 साल पहले हुए ट्रेन एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद उसकी पत्नी ज्ञानू अपने तीन बच्चों की परवरिश के लिए दूसरों के घरों में चौका-बर्तन करने लगी। वह मोहल्ले के जयजय राम के मकान में रहती थी। उसने खुद की छत के लिए इधर-उधर मेहनत-मज़दूरी कर किसी तरह एक लाख 80 हज़ार रुपये जोड़ रखे थे।

रविवार को ज्ञानू बच्चों को साथ ले कर शादी समारोह में काम करने के लिए गई हुई थी। उसी बीच वहां शार्ट सर्किट से आग लग गई। जिसमें उसके सारे रुपये और अलमारी, टीवी, फ्रिज, बेड, बर्तन, कपड़ों के अलावा और भी सारा सामान जल कर राख हो गया।

देर रात को जब ज्ञानू वापस लौटी तो उसके मकान से आग की लपटें निकल रहीं थी। उसका शोर सुन कर आस-पड़ोस वाले बाहर निकल आए और उन्होंने किसी तरह आग पर काबू पाया। लोंगों का कहना है कि अगर ज्ञानू का सिलेंडर आग पकड़ लेता तो एक बड़ा हादसा होने से इंकार नही किया जा सकता था।

बच्चों का पेट काट-काट कर जोड़े थे रुपये

ज्ञानू ने रोते हुए बताया कि उसने बच्चो के सिर पर उनकी अपनी छत हो जाए,इसी उम्मीद से अपने घर की ख्वाहिश में दूसरों के घरों में चौका-बर्तन किया और बच्चों का पेट काट-काट कर किसी तरह कुछ रुपये जोड़ रखे थे लेकिन लगी आग ने पलक झपकते ही उसकी सारी ख्वाहिशों और बच्चों के ख्वाब चकना-चूर कर दिए। आग ने उसके घर में कपड़ा-लत्ता ही नहीं बल्कि खाने को एक दाना तक नहीं छोड़ा। ज्ञानू का कहना है कि अब उसका और उसके बच्चों का कैसे गुज़र-बसर होगा?

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