मथुरा: बदहाली पर आंसू बहा रहा वृन्दावन का गोविंद कुंड, नशेड़ियों का बना अड्डा 

मथुरा: बदहाली पर आंसू बहा रहा वृन्दावन का गोविंद कुंड, नशेड़ियों का बना अड्डा 

मथुरा, अमृत विचार। धर्म नगरी वृंदावन में यूं तो अनेक प्राचीन मठ मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, लेकिन गोविंद कुंड नामक पौराणिक तीर्थस्थल अपने आप में खास महत्व रखता है, मगर वर्तमान में वह सभी प्रकार के प्रदूषणों की वजह से दुर्दशा को प्राप्त है। सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

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भगवान श्री राधा कृष्ण की लीलाएं ब्रज के वन, उपवन, कुंड, सरोवर और यमुना किनारे हुई हैं। इसी तरह भगवान की लीला से जुड़ा हुआ एक पौराणिक स्थल है वृन्दावन का प्रसिद्ध गोविन्द कुंड। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि भगवान गोविन्द के नाम से जुड़ा स्थल है यह कुंड।

धार्मिक ग्रंथों में मिले उल्लेख के मुताबिक वर्तमान में जयपुर में स्थित ठाकुर श्री गोविंद देव जी महाराज का विग्रह इसी गोविन्द कुंड से प्रकट हुआ था। भगवान गोविंद देव जी की प्रकट स्थली होने के बावजूद यह पौराणिक कुंड आज पूरी तरह से दुर्दशा के आगोश में है। 

यह कुंड वृंदावन के वार्ड नंबर 34 की गौरा नगर कॉलोनी के अंतर्गत आता है। चारों तरफ से पक्के घाटों से बना हुआ यह कुंड वर्तमान में सीवर स्टोरेज का साधन बना हुआ है। गोरा नगर की सीवर की उफनती नालियां चारों तरफ से इसी कुंड में डाली जा रही हैं। वहीं के एक स्थानीय निवासी ने बताया के बारिश में गोविन्द कुंड की एक साइड भरभरा कर गिर चुकी है।

बताया कि यह कुंड नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। जब वहां देखा तो पाया के वहा स्मैक के पेपर, नशीले इंजेक्शन, शराब के खाली पाउच, गिलास, माचिस आदि पड़े हुऐ थे और गोविद कुंड पर गंदगी का अंबार लगा था, आज स्थिति यह बन चुकी है कि इस कुंड में एक बूंद भी स्वच्छ पानी नहीं है, जितना पानी आप देख रहे हैं यह सीवर और गंदी नालियों का ही पानी है। स्थानीय लोग भी इस कुंड की दुर्गति के लिए कम जिम्मेदार नहीं है, आसपास के लोग अपने घरों का कूड़ा करकट इसी कुंड में डाल देते हैं। चारों तरफ घाटों पर पड़ी हुई गंदगी इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। 

कुंड में भरा गंदा पानी और चारों तरफ जमी पड़ी गंदगी से इस कुंड की ओर देखने का भी मन नहीं करता। साथ ही आस-पास के इलाके में गंदगी से बीमारियां भी पनप रही हैं।

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