बहराइच: कश्मीरी एप्पल बेर की खेती से 'मालामाल' हो रहे प्रगतिशील किसान!, लागत से मिल रहा ढाई गुना लाभ!

जरवल के बेर ने लखनऊ से लेकर दूसरे प्रदेश व नेपाल तक बनाई पहचान

बहराइच: कश्मीरी एप्पल बेर की खेती से 'मालामाल' हो रहे प्रगतिशील किसान!, लागत से मिल रहा ढाई गुना लाभ!

संजय श्रीवास्तव, जरवल, बहराइच, अमृत विचार। जिले के जरवल निवासी प्रगतिशील किसान कश्मीर के एप्पल बेर से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। तीन एकड़ में शुरू हुई एप्पल बेर की बुआई आज भी हो रही है। लागत से दोगुना का लाभ किसान को मिल रहा है। जरवल का बेर लखनऊ से लेकर दूसरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।

जरवल नगर पंचायत निवासी गुलाम मोहम्मद प्रगतिशील किसान हैं। वह केले की खेती के साथ पपीता और एप्पल बेर की खेती करते हैं। प्रगतिशील किसान ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में कश्मीरी एप्पल बेर की खेती शुरू की। जिसमें एक लाख रूपये से कम खर्च आता है। इसके बाद पूरे सीजन वह एक एकड़ एप्पल बेर से ढाई लाख रूपये की आमदनी प्राप्त करते हैं।

उन्होंने बताया कि वह इस समाज तीन एकड़ (15) बीघा में एप्पल बेर की खेती कर रहे हैं। तीन एकड़ में लगभग चार लाख रूपये लागत लगाने के बाद नौ से 10 लाख रूपये की आमदनी होती है। यानी लागत दे दोगुना लाभ एप्पल बेर से उन्हें होता है। उन्होंने बताया कि इस समय उनके खेत में 350 पेड़ लगे हुए हैं। जिसके बेर तोड़कर वह बाजार में बिक्री करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके बाग में लोग स्वयं बेर की खरीद के लिए आते हैं। इसके उनका समय और खर्च भी बच जाता है। 

तीन वर्ष से कर रहे खेती

प्रगतिशील किसान गुलाम मोहम्मद ने बताया कि उद्यान विभाग की ओर से उन्हें वर्ष 2021 में एप्पल बेर की खेती के लिए प्रेरित किया गया था। वर्ष 2021 से वह निरंतर एप्पल बेर की खेती कर रहे हैं। एक एकड़ से शुरू हुई खेती अब तीन एकड़ में पहुंच गई है।

लखनऊ के साथ नेपाल में भी जाता है बेर

जरवल निवासी प्रगतिशील किसान गुलाम मोहम्मद ने बताया कि एप्पल बेर की काफी मांग है। लखनऊ के लू लू माल के अलावा गोंडा, बलरामपुर, बाराबंकी, उत्तराखंड और नेपाल भी एप्पल बेर की मांग है। वहां के व्यापारी एप्पल बेर की खरीद करते हैं।

Untitled-28 copy

यह भी पढे़ं: गोंडा: शिक्षकों की कमी व ठहराव न होने से कुंद पड़ी व्यावसायिक शिक्षा की धार, छात्रों की टूटी हुनरमंद बनने की आस!