Bareilly News: मुख्यमंत्री को नकली हरियाली दिखाने के लिए फूंक दी अच्छीखासी रकम, अब की जा रही असली घास लगाने की तैयारी

Bareilly News: मुख्यमंत्री को नकली हरियाली दिखाने के लिए फूंक दी अच्छीखासी रकम, अब की जा रही असली घास लगाने की तैयारी

बरेली, अमृत विचार। पिछले हफ्ते बरेली आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत विकसित किए गए आदिनाथ चौराहे (डेलापीर) का उद्घाटन का समय तो नहीं निकाल पाए लेकिन नगर निगम ने सिर्फ इसलिए नकली घास लगवाने पर अच्छी-खासी रकम फूंक डाली कि मुख्यमंत्री अगर उद्घाटन करें तो उन्हें यहां हरियाली दिखे। अब नकली घास उखाड़कर असली घास लगाने की तैयारी की जा रही है।

मुख्यमंत्री 18 फरवरी को बरेली आए थे और रात को यहीं विश्राम किया था। नगर निगम ने आदिनाथ चौराहे का उनके हाथों उद्घाटन कराने के लिए आननफानन काम कराकर एक ही दिन में चौराहे का हुलिया बदल दिया था। इन्वर्टिस की ओर से दिए गए डमरू को चौराहे पर स्थापित कर चारों तरफ लाइटें लगा दी गई थीं जिनका फोकस डमरू पर रखा गया था। इसी दौरान चौराहे की रोटरी पर नकली घास भी लगवाई गई थी ताकि मुख्यमंत्री हरियाली दिखाई दे। अब इस घास को हटा दिया गया है जिसकी वजह से रोटरी पर मिट्टी दिखने लगी है। हवा में धूल उड़ने से एक नई समस्या भी खड़ी होने लगी है।

रोटरी पर नकली घास लगवाने के लिए तो नगर निगम ने अच्छीखासी रकम फूंकी ही, उसके ऊपर फूलों के गुच्छे लटकाने पर भी हजारों रुपये फूंक डाले। अब यह फूल सूख चुके हैं लेकिन वहीं लटके हुए हैं। कहा जा रहा है कि अफसरों ने अगर योजनाबद्ध ढंग से काम कराया होता तो बेवजह पैसों की बर्बादी न होती। अगर कुछ दिन पहले भी असली घास लगा दी गई होती तो वह जड़ पकड़कर अब तक विकसित हो गई होती।

...क्योंकि अफसरों को सिर्फ उद्घाटन से मतलब है
नाथ महोत्सव की शुरुआत की संभावित तिथि छह मार्च बताई जा रही है। इसी को लेकर सवाल यह भी उठ रहा है कि महोत्सव की शुरुआत होने तक रोटरी को कैसे दुरुस्त किया जाएगा। लोगों का कहना है कि नगर निगम के अफसरों को सिर्फ उद्घाटन की परवाह है। शहर में करोड़ों की न जाने कितनी परियोजनाओं की उद्घाटन के बाद दुर्दशा हो चुकी है। अफसर उनकी परवाह नहीं करते तो आदिनाथ चौराहे की भी क्या करेंगे। उधर, नगर निगम में कोई अब यह भी बताने को तैयार नहीं है कि पहले नकली घास किसके आदेश पर लगाई गई और अब किसके आदेश पर उसे उखाड़कर असली घास लगाने की तैयारी की जा रही है।

वीआईपी मूवमेंट हो रहा था इसलिए कृत्रिम घास लगाई गई थी। उसे हटाकर अब असली और मखमली घास लगाई जाएगी। नकली घास हटाने का खर्च ठेकेदार उठाएगा। इसमें नगर निगम का कोई खर्चा नहीं हुआ है। - पुनीत ओझा, मुख्य अभियंता नगर निगम

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