लखनऊ: 40 साल की उम्र में इस काम से खराब हो सकती है किडनी, केजीएमयू के डॉ. सत्येन्द्र ने बचने का बताया उपाय

लखनऊ: 40 साल की उम्र में इस काम से खराब हो सकती है किडनी, केजीएमयू के डॉ. सत्येन्द्र ने बचने का बताया उपाय

लखनऊ, अमृत विचार। 40 साल की उम्र में हो चुकी है और यदि आप समय पर यूरीन और ब्लड की जांच नहीं करा रहे हैं तो इसका बुरा असर किडनी पर पड़ना तय हैं। लापरवाही के चलते किडनी खराब हो सकती है और इसका सीधा असर व्यक्ति के गुणवत्तापूर्ण जीवन पर पड़ सकता है। खुशहाल जीवन के लिए समय पर जांच कराना बहुत जरुरी है। यह जानकारी विश्व किडनी दिवस पर केजीएमयू स्थित डायलिसिस युनिट के इंचार्ज प्रो.(डॉ.) सत्येंद्र कुमार सोनकर ने अमृत विचार संवाददाता से बात करते हुये दी।

डॉ. सत्येंद्र
प्रो.(डॉ.) सत्येंद्र कुमार सोनकर

 

दरअसल,  प्रो.(डॉ.) सत्येंद्र कुमार सोनकर लोगों को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को लेकर सचेत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि किडनी खराब होने का सबसे अहम कारण डायबिटीज और ब्लड प्रेशर ही है। अधिकतर लोग इन बीमारियों को नजरअंदाज करते हैं और अपनी किडनी खराब करा लेते हैं।

 प्रो.(डॉ.) सत्येंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि 40 साल की उम्र होने पर सेहत को लेकर सावधानी जरूरी है। समय-समय पर ब्लड की जांच जरूर करानी चाहिए। जिससे समय रहते डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की जानकारी हो सके। इसके साथ ही यूरिन की जांच कराना भी जरूरी होता है। जिससे किडनी के सही काम करने की जानकारी हो जाती है। जितनी जल्दी समस्या की जानकारी होती है। मरीज के ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।

उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 90-140 होना चाहिए। जबकि ब्लड शुगर खाली पेट 100 और खाना खाने के बाद 200 के करीब होना चाहिए। इस आंकड़ें में अंतर है तो व्यक्ति को इलाज की जरूरत है। यदि व्यक्ति इसके बाद भी लापरवाही करता है तो स्वास्थ्य खराब होना तय हैं।

डायबिटीज से पीड़ित 30 फीसदी मरीजों की खराब हो जाती है किडनी

प्रो.(डॉ.) सत्येंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों को बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अनियंत्रित डायबिटीज से 100 में से 30 प्रतिशत मरीजों की किडनी खराब हो जाती है। ऐसे में डायबिटीज पर नियंत्रण जरूरी है, तभी शरीर के जरूरी अंगों में से एक किडनी को लंबे समय तक बचाया जा सकता है। 

निशुल्क हुई जांच 

केजीएमयू में मेडिसिन विभाग स्थित नेफ्रोलॉजी युनिट में डॉक्टरों ने किडनी स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरुक किया। साथ ही इलाज के लिए केजीएमयू आये मरीजों और उनके तीमारदारों की ब्लड, यूरीन और बीपी की जांच निशुल्क की गई। इस दौरान डायलिसिस युनिट के स्टाफ को बेहतर कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया।

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