विश्व किडनी दिवस: क्रॉनिक किडनी डिजीज की बढ़ रही बीमारी, 2040 तक यह होंगे हालात

 विश्व किडनी दिवस: क्रॉनिक किडनी डिजीज की बढ़ रही बीमारी, 2040 तक यह होंगे हालात

लखनऊ, अमृत विचार। भारत में मधुमेह व उच्च रक्तचाप की वजह से क्रॉनिक किडनी रोग (CKD) से पीड़ित मरीजों की संख्या में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मरीजों की संख्या यदि इसी तरह बढ़ती रही तो क्रानिक किडनी रोग 2040 तक मृत्यु का 5वां प्रमुख कारण होगा। क्रॉनिक किडनी रोग की रोकथाम दवाओं से की जा सकती है, लेकिन उसके लिए जरूरी है इस बीमारी की शुरूआती चरण में ही जानकारी हो जाये। यह जानकारी एसजीपीजीआई स्थित नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो नारायण प्रसाद ने दी।

प्रो.नारायण प्रसाद ने बताया कि जिन लोगों की उम्र 50 साल से अधिक हैं और उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे की समस्या है। इसके अलावा जिन लोगों के परिवार में किसी भी सदस्य को क्रॉनिक किडनी डिजीज की समस्या रही हो। ऐसे लोगों को सावधान रहना चाहिए। वहीं लंबे समय से धूम्रपान करने वाले और पथरी रोग से पीड़ित लोगों को भी किडनी की बीमारी हो सकती है। इस तरह के सभी लोगों को हर साल यूरिन और  बल्ड की जांच कराते रहनी चाहिए। समय पर जांच होने से बीमारी का पता चल सकेगा।

विश्व किडनी दिवस के दिन एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग की तरफ से किडनी के स्वास्थ्य के लिए हॉबी सेंटर से एसजीपीजीआई गेट तक वॉकथॉन का आयोजन किया गया।

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