संतों के सानिध्य में सनातन की विजय पताका लहराते देखना जीवन का सबसे बड़ा पुण्य : स्मृति ईरानी

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Published By Jagat Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। धैर्य और धर्म, निष्ठा और नियम, पुरुषार्थ और पराक्रम की भूमि अयोध्या आकर प्रभु के चरणों व संतों के सानिध्य में सनातन की विजय पताका लहराते हुए देखे, यही हर सनातनी के जीवन का सबसे बड़ा पुण्य है। यह बातें रविवार अयोध्या पहुंची वरिष्ठ भाजपा नेत्री व अमेठी लोकसभा से प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कहीं। वे यहां दर्शन-पूजन के लिए पहुंची थीं। 
     
अमेठी स्थित अपने आवास से सड़क मार्ग से अयोध्या आईं भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने सबसे पहले रामलला सरकार के दरबार में पहुंचीं, जहां उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर रामलला के समक्ष ध्यान में मुद्रा में व्यतीत किया और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया।इसके बाद वह सीधे ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी पहुंच हनुमंतलला के सामने शीश नवाया। इसके बाद उनका काफिला मणिराम दास छावनी पहुंचा, जहां उन्होंने मंदिर में माथा टेकने के बाद मौजूद वरिष्ठ संत-महंतों का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने अपनी भावनाएं भी साझा कीं। स्मृति ईरानी कहा कि आज मैं अपने आपको सौभाग्यशाली समझती हूं कि मैं ऐसे युग मे जन्मी, जिसने हमारे लाला को टेंट से भव्य मंदिर में, भव्य समारोह के साथ प्रतिष्ठित होते हुए देखा। 

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वरिष्ठ भाजपा नेत्री ने कहा आज संतों का स्नेह, सानिध्य और आशीर्वाद पाकर मनोबल न सिर्फ बढ़ा है बल्कि पुण्य पथ पर चलने की प्रेरणा मिली है। कहा कि रामलला व हनुमंतलला से राष्ट्र के प्रधान सेवक के स्वास्थ्य और भारत के वैभव की प्रार्थना की है। स्मृति ईरानी ने कहा कि रामलला की करुणा हर मन को छू रही है और रामभक्तों के लिए यह सबसे बड़ा सौभाग्य है कि अपने आराध्य को भव्य रूप में दिव्य मंदिर में देख रहे हैं। इस दौरान उनके साथ अयोध्या नगर निगम के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

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