लखनऊ : एफआरए खरीद के नियम बदले, प्रीमियम भी शामिल

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश सरकार ने शहरी विकास को गति देने और भवन निर्माण की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से क्रय योग्य फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) से जुड़े नियमों में बड़ा संशोधन किया है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास (क्रय योग्य एफएआर शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) (प्रथम संशोधन) नियमावली-2025 को लागू कर दिया गया है। यह संशोधन 6 नवंबर 2025 को राजपत्र में प्रकाशित होने की तिथि से प्रभावी होगा और प्रदेश के सभी विकास क्षेत्रों में लागू रहेगा।

आवास विकास के प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद की ओर अधिसूचना जारी की गई है। शासनादेश के तहत अब केवल क्रययोग्य एफएआर ही नहीं, बल्कि प्रीमियम खरीदे जा सकने वाले एफएआर पर भी शुल्क वसूला जाएगा। इससे पहले शुल्क व्यवस्था केवल अतिरिक्त एफएआर तक सीमित थी। संशोधन के बाद अधिकतम अनुमन्य एफएआर में बेसिक एफएआर, खरीदे जा सकने वाला एफएआर और प्रीमियम खरीदे जा सकने वाला एफएआर तीनों शामिल होंगे।

सरकार ने एफएआर शुल्क की गणना का फार्मूला भी स्पष्ट कर दिया है। इसके तहत अतिरिक्त अनुमन्य निर्मित क्षेत्रफल, बेसिक एफएआर, भूमि की वर्तमान सर्किल दर और भूमि उपयोग श्रेणी के अनुसार निर्धारित गुणांक के आधार पर शुल्क तय होगा। भूमि की वर्तमान दर से आशय जिलाधिकारी द्वारा घोषित सर्किल दर से है। जहां सर्किल दर उपलब्ध नहीं होगी, वहां विकास प्राधिकरण द्वारा निर्धारित आवासीय दर लागू होगी।

सरकार का मानना है कि इस संशोधन से विकास प्राधिकरणों की आय बढ़ेगी और शहरी अवसंरचना के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे। साथ ही, निवेशकों और भवन निर्माताओं को स्पष्ट नियम मिलने से परियोजनाओं की योजना और क्रियान्वयन में सहूलियत होगी।

भूमि उपयोग के अनुसार गुणांक भी तय

संशोधित नियमों में भूमि उपयोग के अनुसार गुणांक भी तय किए गए हैं। वाणिज्यिक उपयोग के लिए खरीदे जा सकने वाले एफएआर पर 0.50 और प्रीमियम एफएआर पर 1.00 गुणांक रखा गया है। मिश्रित उपयोग, कार्यालय/संस्थागत भवनों, होटल, आवासीय (प्लॉटेड व समूह आवास), औद्योगिक तथा सामुदायिक व अवसंरचना सेवाओं के लिए अलग-अलग गुणांक निर्धारित किए गए हैं। इससे विभिन्न श्रेणियों में शुल्क निर्धारण में एकरूपता आएगी।

भुगतान की शर्तें हुईं सरल

शासनादेश में भुगतान की शर्तों को भी सरल बनाया गया है। यदि खरीदे या प्रीमियम एफएआर का कुल क्षेत्रफल 1000 वर्ग मीटर से अधिक होता है, तो आवेदक को 25 प्रतिशत राशि अग्रिम जमा करनी होगी। शेष राशि 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के साथ त्रैमासिक किस्तों में अधिकतम दो वर्षों में जमा की जा सकेगी। इसके लिए बैंक गारंटी या समतुल्य मूल्य की भूमि गिरवी रखने का प्रावधान भी किया गया है।

संबंधित समाचार