डॉ. भीमराव अंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि: शाहजहाँपुर में गूंजा “शिक्षित बनो, संघर्ष करो” का मंत्र
महापरिनिर्वाण दिवस पर बुद्ध विहार में उमड़ा जनसैलाब, शिक्षकों ने लिया समता का संकल्प
शाहजहांपुर, अमृत विचार: प्रांतीय अनुसूचित जाति/जनजाति बेसिक शिक्षक संघ जिला शाहजहांपुर के तत्वावधान में पुवायां रोड स्थित बुद्ध विहार पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अजय वर्मा ने और संचालन जिला महामंत्री विनोद कुमार ने किया।
प्रांतीय कोषाध्यक्ष सियाराम दिनकर ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल शोषित-वंचित वर्ग नहीं बल्कि पूरे देश के मसीहा थे। संविधान में उन्होंने मानव मात्र की सुरक्षा के लिए अधिकार सुनिश्चित किए तथा महिलाओं को सर्वाधिक अधिकार दिए। उनका कहना था कि यदि अंबेडकर ने लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध न लगाया होता तो आज महिलाओं की स्थिति भिन्न होती।
जिलाध्यक्ष अजय वर्मा ने कहा कि बाबा साहब ने तीन मूल मंत्र दिए कि शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो। उनका संपूर्ण जीवन संघर्ष से भरा रहा और उन्होंने वंचित समाज को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना सिखाया। वरिष्ठ शिक्षक अमर सिंह ने कहा कि विषमता, अन्याय व भेदभाव के खिलाफ संघर्ष कर समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व आधारित समाज का सपना अंबेडकर ने देखा, जो आज भी दिशा देता है। जिला महामंत्री विनोद कुमार ने कहा कि अंबेडकर ने घर-परिवार से ऊपर उठकर वंचितों के उत्थान में जीवन समर्पित किया। दिनेश पाल सिंह ने कहा कि जीवन लंबा नहीं महान होना चाहिए और बाबा साहब ने यह सिद्ध किया। कमलेश निगम ने शिक्षा को शक्ति बताया और कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा। ब्लॉक अध्यक्ष तिलहर अरविंद वर्मा ने कहा कि यह दिन समाज के लिए अपूरणीय है, जितना मिला सब साहब का दिया हुआ है।
ब्लॉक मंत्री पुवायां नीरज वर्मा ने बताया कि 6 दिसंबर 1956 को मुंबई की सड़कों पर बाबा साहब की अंतिम यात्रा में 6 लाख से अधिक लोग शामिल थे। कार्यक्रम में राजीव वर्मा, लालमान गौतम पूर्व एआरपी, रितेंद्र कुमार पूर्व एआरपी, अशोक कुमार पूर्व एआरपी, दिनेश पाल सिंह, धनपाल सिंह, नीरज वर्मा, जगदीश चंद्रा, ज्ञानेंद्रमोहन ज्ञान, डेगपाल सिंह सहित अनेक लोगों ने विचार रखे।
एवीबीपी ने अंबेडकर पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी आयोजित
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नगर इकाई द्वारा गांव मालूपुर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक समरसता दिवस के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यकर्ताओं द्वारा बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।
मुख्य वक्ता विपिन अग्निहोत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद स्थापना काल से ही छात्र हितों के लिए कार्य कर रही है। परिषद अंबेडकर पुण्यतिथि को सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाती है। पूर्व जिला संयोजक संजय गुप्ता ने कहा कि बाबा साहब केवल नेता नहीं थे, बल्कि उम्मीद थे उन लोगों के लिए जिन्हें समाज ने हाशिए पर रखा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है, संगठन से शक्ति मिलती है और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष आवश्यक है। बाबा साहब ऐसा धर्म मानते थे जो समानता, प्रेम और मानवता को बढ़ावा दे। इस मौके पर प्रधानाध्यापक नरेंद्र पाल, अध्यापक विपिन अग्निहोत्री, जिला मेडिविजन संयोजक जितेंद्र पाल, जिला मीडिया संयोजक जय श्रीवास्तव, तहसील संयोजक सुजल गुप्ता एवं नगर सह मंत्री बाबू टाटा उपस्थित रहे।
