किसान पाठशालाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें किसान, सूर्य प्रताप शाही ने की अपील

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Published By Muskan Dixit
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12 से 29 दिसंबर तक ग्राम पंचायत स्तर पर होंगी किसान पाठशालाएं

जनप्रतिनिधियों और एफपीओ सदस्यों की रहेगी अनिवार्य सहभागिता

लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों को कृषि क्षेत्र में हो रहे नवीन नवाचारों को अपनाकर कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उन्होंने रबी सत्र 2025-26 के लिए आयोजित होने वाली किसान पाठशालाओं में किसानों से अधिकाधिक भागीदारी करने की अपील की है।

कृषि मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा रबी सत्र 2025-26 के तहत ग्राम पंचायत स्तरीय गोष्ठियों एवं किसान पाठशालाओं के आयोजन के लिए समस्त जिला उप कृषि निदेशकों को निर्देश जारी किए गए हैं। यह कार्यक्रम गत वर्ष की भांति योजनाओं के कन्वर्जेंस मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें आरकेवीवाई (द मिलियन फार्मर्स स्कूल), दलहन विकास की नवीन योजना तथा तिलहन विकास की राज्य पोषित योजना का प्रभावी उपयोग किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद जिला स्तरीय ट्रेनर्स प्रशिक्षण 9 से 10 दिसंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। ट्रेनर्स का मूल्यांकन 11 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किया जाएगा।

मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर दो दिवसीय किसान पाठशालाओं की शुरुआत 12 दिसंबर से 29 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर में किया जाएगा। इसके लिए पैक्स सोसायटी, किसान कल्याण केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र एवं प्राथमिक विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 80 से 100 किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि गोष्ठियों में स्थानीय परिस्थितियों एवं एग्रीक्लाइमेटिक जोन के अनुसार, प्रमुख विषयों के साथ दलहन, तिलहन, जायद, मक्का, उर्द, बाजरा एवं मूंग जैसी फसलों पर भी जागरूकता बढ़ाई जाएगी। कार्यक्रम में प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी, और विजेताओं को प्रति पाठशाला 500 रुपये की अनुमन्य धनराशि से जैव कीटनाशी, कवकनाशी एवं सब्जियों के बीज प्रदान किए जाएंगे।

 

कार्यक्रम के उपरांत फोटोग्राफ्स, कृषकों की उपस्थिति तथा उद्बोधन देने वाले कृषकों का विवरण विभागीय पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाएगा, जिसके आधार पर वास्तविक प्रगति की समीक्षा की जाएगी। समापन के बाद प्रतिभागियों की सूचना निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध करानी होगी।

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