लोकसभा चुनाव: बाराबंकी में एम फैक्टर ने बढ़ाई सियासी दलों की धड़कन, कांग्रेस और सपा दोनों की मुस्लिम वोटबैंक से साझा उम्मीदें

लोकसभा चुनाव: बाराबंकी में एम फैक्टर ने बढ़ाई सियासी दलों की धड़कन, कांग्रेस और सपा दोनों की मुस्लिम वोटबैंक से साझा उम्मीदें

बाराबंकी, अमृत विचार। वैसे तो बाराबंकी जिला हमेशा से समाजवादियों का गढ़ रहा है। लेकिन बीते कुछ सालों में सपाइयों के इस गढ़ में विरोधी दलों ने सेंधमारी कर अपनी गहरी पैठ बना ली है। चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही यहां अपने-अपने समीकरण साधने में जुटे दलों की नजर शांत बैठे मुस्लिम फैक्टर यानी मुस्लिम मतदाताओं पर जा टिकी है।

 हालांकि भाजपा ने पहली सूची में निवर्तमान सांसद उपेंद्र सिंह रावत का नाम घोषित किया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो गया। उन्होंने इसे फर्जा बताते हुए निर्दोष साबित होने तक चुनाव लड़ने से अनकार कर दिया। इंडिया गठबंधन और बसपा ने भी अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।

बाराबंकी सदर, जैदपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और कुर्सी विधानसभा सीटों को अपने में समेटे करीब 19 लाख मतदाताओं वाली यह सुरक्षित लोकसभा सीट जातीय समीकरण के मामले में भी खासी अहम है। क्योंकि ज्यादातर मौकों पर जीत-हार का दारोमदार 20 से 25 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं पर ही निर्भर करता रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में यह सीट इंडिया गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के खाते में जाने से यहां की जंग और भी ज्यादा दिलचस्प हो गई है। क्योंकि कांग्रेस और सपा दोनों की साझा उम्मीदें इसी मुस्लिम वोटबैंक से ज्यादा हैं।

हालांकि पिछले चुनावों से लाभार्थीजन का एक और बड़ा फैक्टर उभरा है। ऐसे में भाजपा अपनी सरकार की तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं के सहारे इस बार मुस्लिम वोटबैंक में बड़ी सेंधंमारी कर करिश्मे की उम्मीद लगाए है। उसका मानना है कि योगाी और मोदी सरकार की ज्यादातर योजनाओं का लाभ मुस्लिमों को सबसे ज्यादा मिला है। ऐसे में यह वोटबैंक अपना दिल बड़ा करके उनके साथ जरूर आएगा।

राजीनीतिक विश्लेषक अजय गुरू जी कहते हैं कि इस दफा लाभार्थीजन फैक्टर भाजपा के लिये काफी अहम साबित होने वाला है। जिले का करीब पचास फीसदी मुस्लिम मतदाता सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने के कारण भाजपा के पक्ष में आ सकता है। ऐसे में अगर यह वोटबैंक बंट गया तो भाजपा को फायदा होगा ही होगा। हालांकि अभी मुसलमान मतदाता बिल्कुल खामोश हैं और वह यह जाहिर नहीं होने दे रहा कि उनका रुझान किस तरफ है। दूसरी तरफ धार्मिक कट्टरता को ध्यान में रखते हुए अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। बीजेपी की भी यही कोशिश है कि मुस्लिम वोट में ज्यादा से ज्यादा बंटवारा हो जाए ताकि वह जीत जाए।


बाराबंकी की सियासत को करीब से जानने वाले विनय सिंह का कहना है कि यहां पर मुस्लिमों के साथ कुर्मी, पासी और यादव बिरादरी के मतदाताओं की भी खासी तादाद है। इन्हें लेकर सभी उम्मीदवारों के अपने-अपने दावे हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के संभावित प्रत्याशी तनुज पुनिया को अपने व्यवहार और पिता पूर्व राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया के काम का फायदा मिल सकता है। लेकिन गठबंधन के सपाई साथियों की अभी तक की एकजुटता में कमी उनके लिये बड़ी चुनौती है।

गढ़ सपाई का, फिर कांग्रेस को मौका क्यों

नाम न छापने की शर्त पर जिले की नगर पंचायत के एक चेयरमैन का तो यहां तक कहना है कि जब बाराबंकी सपाइयों का गढ़ है तो सीट कांग्रेस के खाते में गई क्यों। हम लोग तनुज पुनिया को जीत दिलाकर अपना ही किला क्यों कमजोर करें। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के फैसले पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उनका कहना है कि जिले में सपा के कमजोर होने का कारण कहीं न कहीं आलाकमान के गलत फैसले ही हैं। अगर इस बार सपा के किसी प्रत्याशी को मौका मिलता तो बाराबंकी लोकसभा सीट जरूर हमारे खाते में आती।

सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के मुस्लिमों को भी मिला है। मोदी और योगी के नाम पर भाजपा को समाज के सभी वर्गों का वोट मिलेगा। मुस्लिम समाज भी आज भाजपा के साथ ही खड़ा है.., अरविंद मौर्या, जिलाध्यक्ष, भाजपा।

मुस्लिमों ने हमेशा कांग्रेस पार्टी का साथ दिया है। सपा के साथ गठजोड़ होने के चलते उन्हें पूरा भरोसा है कि मुस्लिम समाज इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को बाराबंकी से सांसद बनाने में पूरा साथ देगी..., मो. मोहसिन, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस।

भाजपा ने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को ठगा है। सीएए में सभी धर्म के लोगों को शामिल किया है। जबकि मुस्लिमों को इससे वंचित रखा गया है। अभी हालही में हुए विधानपरिषद चुनाव में भाजपा ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। उत्तर प्रदेश ही नहीं देश में भी भारत सरकार के मंत्रालय में मुस्लिमों को कोई मंत्री पद नहीं दिया गया। इसलिये मुस्लिम पीडीए और इंडिया गठबंधन के साथ था, है और रहेगा..., हाफिज अयाज, जिलाध्यक्ष, सपा।

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