मुरादाबाद: संविदा विद्युतकर्मी की मौत का मामला: भाई ने कहा सिर्फ 3 मिनट का लिया था शट डाउन, जेई की लापरवाही से हुई मौत

मुरादाबाद: संविदा विद्युतकर्मी की मौत का मामला: भाई ने कहा सिर्फ 3 मिनट का लिया था शट डाउन, जेई की लापरवाही से हुई मौत

मुरादाबाद, अमृत विचार। विवेकानंद बिजली घर से कुछ ही दूरी पर 33 केवीए लाइन का जफर जोड़कर नीचे उतर रहे संविदाकर्मी संजीव कुमार मौर्या की लो टेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। संविदाकर्मी संजीव की मौत की खबर के बाद परिजन मौके पर पहुंच गए थे और बिजली घर पर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा था और आरोपी के खिलाफ कारवाई और परिवार के सदस्य को नौकरी वा मुआवजे की मांग की थी। मौके पर पहुंची पुलिस और विद्युत विभाग के आला अधिकारियों ने गुस्साई भीड़ को समझा बुझाकर मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दिया था। जिसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गए थे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। परिजनों की मांग पर विभाग की तरफ से मृतक के परिवार को एक लाख रुपए भी दे दिए गए थे।

इस घटना के बाद मृतक संजीव के बड़े भाई अनिल कुमार ने बताया की जिस दिन ये हादसा हुआ उस दिन उनके भाई संजीव की ड्यूटी ही नही थी। उन्हे जेई ने जबरन बुलाया और ऑफ ड्यूटी हादसे वाली जगह पर काम करवा रहे थे। इतना ही नही उन्होंने बताया की जिस बिजली घर पर ये हादसा हुआ उस बिजली घर पर भी उनके भाई की ड्यूटी नही थी। उन्होंने बताया की उनके भाई की ड्यूटी पीटीसी बिजली घर पर नाइट में थी जबकि विवेकानद बिजली घर उन्हे जबरन काम के लिए बुलाया गया। 

उन्होंने बताया की उनके भाई के साथ गए हेल्पर से उनकी बात हुई थी हेल्पर ने बताया था की जब उनके भाई लाइन पर काम कर रहे थे तब जेई ने सिर्फ तीन मिनट का शट डाउन लिया था। तीन मिनट में काम पूरा नहीं हुआ और शट डाउन वापस कर दिया गया। तभी नीचे उतरते समय वो (एलटी) लो टेंशन लाइन से टकराए और करंट लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। अनिल कुमार ने अपने भाई की मौत का जिम्मेदार जेई को बताया। उन्होंने कहा की जब उनके भाई की ड्यूटी ऑफ़ हो गई थी तब दूसरे बिजली घर क्यों बुलाया गया?

हालांकि जेई शिव कुमार मौर्य मृतक के भाई अनिल कुमार के आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं। उनके मुताबिक मृतक संजीव कुमार ने लाइन पर काम करते समय लो लाइन का शट डाउन ही नही लिया था। उनके मुताबिक बिजली घर पर तैनात किसी भी कर्मी को दूसरे बिजली घर काम के लिए भेजा जा सकता है। जिस समय मृतक संजीव कुमार काम करने थे वो समय उनकी ड्यूटी का ही था। 

फिलहाल इस घटना के बाद विद्युत विभाग के आला अधिकारी न ही कैमरे के सामने कुछ बोलने को तैयार हैं और न ही फोन रिसीव कर रहे हैं।

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