शाहजहांपुर: लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के संग कद्दावरों के कद की भी अग्निपरीक्षा

लोकसभा चुनाव बना तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा का सवाल, भाजपा नेताओं पर होगा प्रत्याशी को जिताने का नैतिक दवाब

शाहजहांपुर: लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के संग कद्दावरों के कद की भी अग्निपरीक्षा

शाहजहांपुर, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के साथ-साथ कद्दावरों के कद की भी अग्निपरीक्षा होगी। जहां एक ओर भाजपा प्रत्याशी सांसद अरुण सागर के साथ वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर और भाजपा जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा की प्रतिष्ठा जुड़ी है। 

वहीं दूसरी ओर गठबंधन प्रत्याशी के साथ सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खान, पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा, पूर्व एमएलसी जयेश प्रसाद, पूर्व विधायक राजेश यादव और कांग्रेस जिलाध्यक्ष रजनेश गुप्ता की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। प्रत्याशियों के साथ-साथ जिले के बड़े नेताओं की भी लोकसभा चुनाव में अग्निपरीक्षा होनी है। किस प्रत्याशी को किस नेता के गांव या मोहल्ले से कितने वोट मिले। 

चुनाव के बाद देखा जाता है कि वर्तमान और पूर्व विधायक के विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के सांसद प्रत्याशी को कितने वोट मिले। यही नियम पूर्व विधायक, पूर्व एमएलसी व अन्य पदाधिकारियों पर लागू होता है। जिसके क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को जितने वोट मिलते हैं संबंधित नेता का कद पार्टी हाईकमान की नजर में उतना ही उठता है।

साथ ही अगर किसी पदाधिकारी या पूर्व पदाधिकारी के क्षेत्र में कम वोट मिलते हैं तो उस नेता का कद घट जाता है। आज अगर कोई नेता कद्दावर कहा जा रहा है तो जरूरी नहीं कि लोक सभा चुनाव के बाद भी यही स्थिति रहे। चुनाव के बाद कद्दावरों से उनका तमगा छिन भी सकता है। बसपा ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है। अब भाजपा से सांसद अरुण सागर, कांग्रेस, सपा गठबंधन से राजेश कश्यप और बसपा से दोदराम वर्मा चुनाव मैदान में हैं। 

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से तैयारियां चरम पर हैं। राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। शाहजहांपुर से तीन मंत्री होने की वजह से चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। प्रत्याशी की हार-जीत से लोग मंत्रियों की प्रतिष्ठा को भी जोड़कर देख रहे हैं। इस बार पहला मौका है जब कांग्रेस ने शाहजहांपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।

साल 2014 में सिर्फ खन्ना थे भाजपा विधायक
2014 में भाजपा प्रत्याशी कृष्णाराज ने लोकसभा चुनाव जीता था। तब पार्टी के पास सिर्फ नगर विधायक सुरेश कुमार खन्ना थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर में जिले की छह में से पांच सीटों पर भाजपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। सुरेश कुमार खन्ना कैबिनेट मंत्री बनाए गए। 2019 के चुनाव में कृष्णाराज का टिकट काटकर अरुण कुमार सागर को दिया गया और उन्होंने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जितिन प्रसाद को भी कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। 2022 के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अभूतपूर्व रहे। सभी छह सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की।

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