बाराबंकी: यहां कानून सबके लिए बराबर नहीं, अधिकारियों के वाहनों पर नंबर प्लेट अभी भी पुरानी

उच्च न्यायालय के निर्देश पर लगनी थी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

बाराबंकी: यहां कानून सबके लिए बराबर नहीं, अधिकारियों के वाहनों पर नंबर प्लेट अभी भी पुरानी

बाराबंकी, अमृत विचार। उच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरु हुई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने की अंतिम तारीख व महीना कब का गुजर गया, लेकिन अधिकारियों के वाहनों की नंबर प्लेट अभी तक नहीं बदली। ऐसे एक नहीं कई अधिकारियों के वाहनों मे सादी नंबर प्लेट देखने को मिली।

अब भले ही आम लोगों के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न होने पर पुलिस व एआरटीओ प्रशासन द्वारा जुर्माना आदि की कार्रवाई की जाती हो लेकिन इन अधिकारियों के वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। इससे साफ जाहिर है की यहां कानून सबके लिए बराबर नहीं है।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगाए जाने का आदेश उच्च न्यायालय ने दिए थे। इसके उलट जब अधिकारियों के वाहनों पर नजर डाली गई तो उनमें कई ऐसे अफसरों के वाहन सड़कों पर दौड़ते मिले। जिनमें सादी पुरानी नंबर प्लेट लगी हुई हैं, लेकिन उसके ऊपर उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो लगे होने से उनके वाहनों को चेकिंग से दूर रखा गया है, जबकि आमजन को वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न होने पर उनको महंगा जुर्माना भुगतना पड़ता है।

जिले में चार लाख से ज्यादा निजी वाहन और 22 हजार छोटे बड़े कॉमर्शियल वाहन पंजीकृत हैं। कॉमर्शियल वाहनों में 30 सितंबर 2022 तक एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) लगाने के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी ज्यादातर वाहन बगैर एचएसआरपी लगवाए फर्राटा भर रहे हैं।

हालांकि परिवहन विभाग की तरफ से ऐसे वाहनों के खिलाफ लगातार चेकिंग अभियान चलाया जाता रहा है। पकड़े जाने पर चालान समेत जुर्माना लगाने की कार्रवाई होती है। लेकिन शायद ही ऐेसा कोई सरकारी वाहन हो जो बिना एचएसआरपी के चालान काटा गया हाे। अमृत विचार की टीम ने कुछ ऐसे सरकारी वाहनों को अपने कैमरे में कैद किया जो बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहन का प्रयोग कर रहे हैं।

एआरटीओ प्रशासन अंकिता शुक्ला कहती है कि हाई सेक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर जन जागरूकता अभियान चलता रहता है इसका असर भी दिख रहा है। सरकारी विभागों में भी पत्राचार किया गया कि वह भी एचएसआरपी अपने वाहनों में लगवा लें। समय समय पर अभियान चलकर कारवाई हाेती है। 15 साल से अधिक पुराने कंडम हो चुके वाहनों को लेकर विभागों को ऑनलाइन नोटिस दी जा चुकी है, अधिकांश की नीलामी भी हुई है। 

इन अफसरों के वाहनों पर नहीं है एचएसआरपी

अतिरिक्त मजिस्ट्रेट, जिला पूर्ति अधिकारी, डीएफओ, डीडीओ, डीजीसी व अन्य कई अधिकारियों के वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगी है। जिलेभर में यह वाहन आपको दिनभर फर्राटा भरते भी दिख जाएंगे।

यातायात नियम ‘धुंआ’, कंडम वाहन से भर रहे फर्राटा

जिले मे ऐसे भी सरकारी वाहन हैं जिनकी उम्र सीमा से अधिक हो चुकी है, लेकिन वह अभी भी सड़क पर दौड़ रहे हैं। इनको रोकने वाला कोई नहीं है। जबकि केंद्र सरकार का एक आदेश भी है जिसके मुताबिक एक अप्रैल 2023 तक 15 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी सरकारी वाहन कंडम घोषित किए गए हैं। लेकिम नियमों को ताक पर रखकर ऐसे कई कंडम वाहन सड़क पर दौड़ते नजर आ रहे हैं। जिनपर आपको कई जिम्मेदार अफसर बैठेकर सफर करते भी मिल जाएंगे।

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