खटीमा: डेरा प्रमुख की हत्या के षड्यंत्रकारी हुए गिरफ्तार...अंजाम देने वाले चल रहे फरार

खटीमा: डेरा प्रमुख की हत्या के षड्यंत्रकारी हुए गिरफ्तार...अंजाम देने वाले चल रहे फरार

खटीमा/नानकमत्ता, अमृत विचार। सात दिन पूर्व डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की डेरा परिसर में बाइक पर सवार दो शूटरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिसमें पुलिस को न केवल शूटरों को हायर करने वाला मास्टर माइंड हाथ लगा है बल्कि बाबा की अपडेट देने वाले सहित कुल चार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके घटना में प्रयुक्त दो कार और दो मोबाइल भी बरामद किया है।
 
थाना नानकमत्ता में बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले की ब्रीफिंग करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा कि अभी हत्याकांड का खुलासा नहीं हो रहा है बल्कि पुलिस को पिछले पांच दिनों में मिली सफलता से अवगत कराया जा आए है।
 
उन्होंने कहा कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा की गई जांच के बाद सूत्रों की पहचान सरबजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह निवासी तरण तारन, पंजाब और अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार सुरेंद्र सिंह निवासी नगली फतेहगढ़, चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब के रूप में हुई।
 
उन्होंने बताया कि यह दोनों 19 मार्च को नानकमत्ता साहिब के सराय के कमरा नंबर 23 में रुके थे। सरबजीत के बारे में जानकारी करने पर पता चला है कि वह कई प्रदेशों में हत्या, लूट जैसे दर्जनभर से अधिक आपराधिक मामलों में लिप्त है। सर्वजीत सिंह की मोबाइल की कॉल डिटेल के अनुसार वह 19 से 27 मार्च तक रामपुर, बाजपुर, किच्छा, बरेली और शाहजहांपुर आदि क्षेत्रों में घूमता रहा। सीसीटीवी फुटेज, मैन्युअल इनपुट और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के आधार पर दोनों अभियुक्त गणों द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और मोबाइल फोन 14 मार्च को कस्बा तिलहर, थाना तिलहर जनपद शाहजहांपुर से खरीदा था।
 
एसएसपी मंजूनाथ ने बताया कि इन मोबाइल नंबरों के आधार पर अभियुक्तों के पुराने नंबर मिले। जिसमें दोनों के शाहजहांपुर तहसील पुयाया के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह, हरविंदर सिंह उर्फ पिंडी आदि के संपर्क में फरवरी 2024 से रहने का पता चला। जो कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के इशारे पर गुरुद्वारा नानकमत्ता के डेरा कारसेवा सहित तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबंधन पर कब्जा करना चाहते थे।
 
इसी क्रम में बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई। जिसके तहत दिलबाग सिंह द्वारा सरबजीत सिंह और अमरजीत सिंह को हत्या के लिए 10 लाख में हायर किया गया और उन्हें एक लाख 60000 रुपए एडवांस के तौर पर दे दिए गए। इसके बाद दोनों 19 मार्च को नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के सराय में आकर ठहरे। यहां उन्होंने गुरुद्वारा साहिब के कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बड़ा जगत, थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को अपने साथ लालच देकर शामिल कर लिया और उसकी सहायता से 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की सही लोकेशन प्राप्त कर डेरा कर सेवा में जाकर बाबा की गोली मार कर हत्या कर दी।
 
एसएसपी मंजूनाथ ने  कहा कि सीसीटीवी फुटेज आदि के आधार पर मिली जानकारी के अनुसार हत्या के बाद दोनों आरोपी यहां से सीधे षड्यंत्रकारी दिलबाग सिंह के घर कबीरपुर शाहजहांपुर पहुंचे। जहां से उन्होंने पूर्व निर्धारित की गई राशि में से पांच लाख रुपए प्राप्त कर लिए और इन्हें दिलबाग सिंह की सहायता से फरार कर दिया गया। उन्होंने बताया कि अब पुलिस ने दिलबाग सिंह, अमनदीप सिंह, हरमिंदर उर्फ पिंडी और बलकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों से घटना में प्रयुक्त की गई मारुति स्विफ्ट नंबर यूके06वाई 1476 और यूपी27बीके 9099 तथा घटना में प्रयुक्त दो मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं।