Kanpur: नदियों में बढ़ते प्रदूषण की हर घंटे हो सकेगी निगरानी; IIT कानपुर ने बनाई मशीन, भारी तत्वों को जल्द पहचानेगी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। नदियों के प्रदूषण के स्तर को जानने के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना होगा। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने ऐसी मशीन बनाई है जो नदियों में भारी तत्वों की पहचान आसानी से और जल्दी कर सकेगी। हर घंटे जल में मिले भारी तत्वों को पहचाना जा सकेगा। 

अभी भारी तत्वों की पहचान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। मशीन का नाम एनएसवीएस रखा गया है। यह नाम निराकरा स्वयंशासित वेधशाला का शॉर्ट कट है। इस मशीन को तैयार करने में टीम को चार साल का समय लगा है। 

आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने मशीन बनाई है जिसकी लागत सिर्फ तीन लाख रुपये बताई जा रही है। आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रो बिशाख भट्टाचार्य ने बताया कि मशीन के जरिये नदियों में गिरने वाले औद्योगिक प्रदूषण के भारी तत्वों की पहचान आसानी से की जा सकेगी। अब यह जानकारी हर घंटे मिल सकेगी। प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य ने इस मशीन को तीन अन्य प्रोफेसरों के सहयोग से तैयार किया है।  

अमेरिकी संस्थान का भी सहयोग

बताया गया कि सबसे पहले अमेरिका की मिसीसिपी नदी पर स्टडी की गई। वहां इसी तरह की मशीन से हर घंटे नदी की निगरानी की जाती है। इसके लिए अमेरिका के एक निजी संस्थान से ऑटो सैंपलर व अन्य तकनीक की सहायता भी ली गई। इसके बाद आईआईटी कानपुर में मशीन को तैयार कर दिया गया। 

मशीन का परीक्षण करने के लिए कर्णप्रयाग से लेकर कानपुर के गंगा बैराज तक विभिन्न स्थानों पर पानी के नमूने लिए गए और उसमें प्रदूषण की मात्रा को देखा गया। इस मशीन की जानकारी केंद्र सरकार को दी जा चुकी है। वहां से अनुमति मिलने के बाद देशभर की नदियों में प्रदूषण की मात्रा समेत अन्य जानकारी एकत्रित करने के लिए मशीन का उपयोग किया जा सकेगा। 

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