यह चुनाव संविधान को कमजोर और उसकी रक्षा करने वालों के बीच, प्रयागराज में बोले रमण सिंह

यह चुनाव संविधान को कमजोर और उसकी रक्षा करने वालों के बीच, प्रयागराज में बोले रमण सिंह

प्रयागराज। समाजवादी पार्टी (सपा) की सहमति से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने वाले उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि वर्ष 2024 लोकसभा का चुनाव संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने का प्रयास करने वालों तथा इसको कमजोर करने वालों के बीच है।

रमण ने शनिवार को कहा कि यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है। एक संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने का प्रयास करने वालों और दूसरा इसको कमजोर करने वालों के बीच है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा पिछले 10 वर्षों से जो नीति और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जनता उनसे बेखबर नहीं है। पेपर लीक, नव जवानों के साथ छलावा और अग्निवीर जैसे अनेकों मामलों को लेकर जनता में आक्रोश है और आने वाले लोकसभा चुनाव में इसकी झलक दिखलाई पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि यह इंडिया गठबंधन के घटक दलों का विशेष तौर पर सपा और कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व के शीर्ष नेतृत्व का यह फैसला है। उसी के तहत इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस पार्टी की तरफ से जो मौका मिला है और जिस प्रकार से लोगों का समर्थन मिल रहा है, इलाहाबाद की संसदीय सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल होगी।

रमण ने कहा कि 2019 चुनाव के बाद 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में निश्चित तौर पर पहले से बेहतर परिणाम मिलेगे। प्रयागराज की जनता निश्चित ऐतिहासिक फैसला करेगी। वर्ष 1984 के बाद इस चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट कांग्रेस की झोली में जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिस तरह लोगों का समर्थन मिल रहा है यहां से इंडिया गठबंधन का कांग्रेस पार्टी का सपा के सहयोग से परचम लहराएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 400 के पार का नारा एक जुमला है। वो भी इस जुमले के साथ सहमत नहीं होंगे।

उन्होंने 2014 के चुनाव में 15 लाख रूपया लोगों को देने का वादा किया था बाद में उनके तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे चुनावी जुमला बताया था। पार्टी अपने हतोत्साहित कार्यकर्ताओं के बीच यह प्रचार कर रही है, देश और प्रदेश की जनता इसका माकूल जवाब देगी।

रमण सिंह ने बताया कि वह क्षेत्रीय मुद्दे पर जनता के बीच में हैं। जिस प्रकार नैनी का उद्योग क्षेत्र बंद पड़ा है उसका चालू करवाना, वहां बंद पड़ी फैक्ट्रियों में जो मजदूर आज दर-ब-दर ठोकर खा रहे हैं, उनको न्याय दिलवाना, उपचार के लिए स्थानीय लोगों को लखनऊ और दिल्ली भागना पड़ता तो यहां पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को खुलवाने का भरसक प्रसास करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए नहरों का कोई विसतारीकरण नहीं हुआ, नयी नहरें बनाने का काम बंद हो गया, जो सरकारी ट्यूबल बंद पड़े हैं उनको चालू करवना पड़ेगा।

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