Bareilly News: किसान कर रहे धरना प्रदर्शन, इफको दबाव बनाने में लगा

Bareilly News: किसान कर रहे धरना प्रदर्शन, इफको दबाव बनाने में लगा

बरेली/आंवला, अमृत विचार। इफको में रोजगार पाने को 59 दिन से तहसील कार्यालय के सामने धरना दे रहे भूदाता किसानों को जमीन के बदले नौकरी न देना पड़े, इसके लिए इफको प्रबंधन बचाव में नए-नए हथकंडे अपना रहा है। एसडीएम ने भूदाताओं को रोजगार देने के निर्देश दिए तो इफको प्रबंधन ने एसडीएम को पत्र भेजकर किसानों में आक्रोश भर दिया है।

उप महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) ने रविवार को एसडीएम को भेजे पत्र में कहा कि बीते दिसंबर माह में हुई बैठक में 275 भूमिदाताओं को चरणबद्ध तरीके से रोजगार उपलब्ध कराने का समझौता हुआ था। जिसके तहत वास्तव में जो भूदाता है, उन सभी को रोजगार मुहैया करा दिया गया। वहीं, किसानों का आरोप है कि इफको प्रबंधन झूठ की सभी सीमाएं पार कर चुका है। किसानों को नौकरी न देनी पड़े। 

इसलिए पत्र में कहा गया है कि इफको संयंत्र अत्यंत संवेदनशील रासायनिक प्रक्रिया वाला उर्वरक संयंत्र है। जिसमें घातक अमोनिया का बड़ी मात्रा में विशाल टैंकों में भंडारण किया गया है। यदि किसी कारण कोई दुर्घटना घटती है तो संयंत्र से लगभग 20 किमी तक का क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। किसानों के साथ अनहोनी की जिम्मेदारी भी उनकी नहीं होगी। 

उधर, किसान नेता ओमशंकर सक्सेना, महाराज सिंह, ऊदल सिंह वर्मा आदि का कहना है कि इफको ने किसानों की जमीन ले लीं और सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया। शिकायत पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। आरोप है कि इफको ने क्षेत्रीय लोगों को आज तक कोई सुविधा नहीं दी। आज भूदाता किसान जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे तो उनको खतरा सता रहा है।

किसान संगठनों पर राजनीति करने का आरोप
एसडीएम को भेजे पत्र में इफको प्रबंधन ने कहा है कि भाकियू एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों की ओर से विभिन्न माध्यमों से अक्सर लोक निर्माण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रशासन में नव नियुक्त या स्थानांतरित प्रशासनिक अधिकारियों को वास्तविक तथ्यों से विपरीत पत्र लिखकर मात्र राजनीतिक उद्देश्य से भ्रमित करना है। इनकी ओर से पूर्व में उच्च न्यायालय में कई रिट दायर की गईं, जिसे खारिज किया जा चुका है।

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