Bareilly News: विकास...फरीदपुर में नया सवेरा, मीरगंज में ढलती शाम

Bareilly News: विकास...फरीदपुर में नया सवेरा, मीरगंज में ढलती शाम

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। निबंधन विभाग के राजस्व लक्ष्यों और उनकी पूर्ति को पैमाना माना जाए तो दिल्ली हाईवे पर बसा मीरगंज आवासीय और औद्योगिक सुविधाओं के विकास में जिले में सबसे पिछड़ा हुआ है। नवाबगंज में भी बहुत ज्यादा बेहतर स्थिति नहीं है।

इसके उलट लखनऊ हाईवे पर फरीदपुर लगातार औद्योगिकीकरण की ओर से बढ़ते हुए नई उम्मीदें जगा रहा है। यहां छह बरसों में जमीनों की खरीद-फरोख्त दोगुनी हो गई है।

फरीदपुर तहसील के निबंधन कार्यालय को छह साल पहले राजस्व का जितना लक्ष्य शासन से दिया जाता था, वह अब करीब दोगुना हो गया है। रिकॉर्ड के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में फरीदपुर को 2.31 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था लेकिन आय 2.34 करोड़ हुई। 

वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2.55 करोड़ के सापेक्ष 2.21 करोड़, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.11 करोड़ के सापेक्ष 2.37 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3.42 करोड़ के सापेक्ष 2.90 करोड़, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4.04 करोड़ के सापेक्ष 3.42 करोड़, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4.71 करोड़ के सापेक्ष 3.66 करोड़ की राजस्व आय हुई।

मीरगंज में स्थिति लगभग उलट है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी मीरगंज को सबसे कम 1.45 करोड़ का लक्ष्य मिला था, लेकिन एक करोड़ की ही राजस्व आए हुई। 2019-20 में 1.52 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 1.20 करोड़, 2020-21 में 1.81 करोड़ के सापेक्ष 1.38 करोड़, 2021-22 में 1.99 करोड़ के सापेक्ष 1.63 करोड़, 2022-23 में 2.36 करोड़ के सापेक्ष 1.97 करोड़ और 2023-24 में 2.75 करोड़ के सापेक्ष 2.22 करोड़ की ही राजस्व आय हो सकी।

चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में शासन से जिले को 702 करोड़ का लक्ष्य दिया है। इसमें बरेली प्रथम और द्वितीय कार्यालय का लक्ष्य 250.2 करोड़ का है। बहेड़ी कार्यालय को 4.38 करोड़, आंवला को 4.39 करोड़, नवाबगंज को 3.67 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। मीरगंज को सबसे कम2.84 करोड़ का लक्ष्य मिला है। सबसे ज्यादा 4.86 करोड़ का लक्ष्य फरीदपुर का है। फरीदपुर शहर के पूरब और मीरगंज पश्चिम में स्थित है। दोनों क्षेत्र हाईवे से जुड़े हैं।

छह साल की आय में सात करोड़ का अंतर
निबंधन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले छह साल में फरीदपुर को 20.247 करोड़ का लक्ष्य दिया गया जिसके सापेक्ष 16.612 करोड़ की राजस्व आय हुई है। इसी अवधि में मीरगंज को 11.885 करोड़ का लक्ष्य दिया गया जिसमें 9.51 लाख की ही राजस्व आय हुई। दोनों तहसीलों में जमीनों की खरीद-फरोख्त से हुई राजस्व आय का अंतर उनके विकास के अंतर को भी साफ तौर पर बयां कर रही है।

जिस निबंधन कार्यालय के लक्ष्य आसानी से पूरे होते हैं, शासन उन्हीं के लक्ष्य बढ़ाता है। फरीदपुर शहर से सटा है और औद्याेगिक क्षेत्र होने की वजह से वहां तेजी से विकास हो रहा है। हाईवे से सटे मीरगंज में भी बहुत संभावनाएं हैं लेकिन फरीदपुर की तुलना में अभी वह काफी पिछड़ा क्षेत्र है। -तेजवंत सिंह यादव, एआईजी स्टांप

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