MJPRU: कार्यालय में लगा मिला ताला तो घंटों बाहर बैठे रहे कुलसचिव

MJPRU: कार्यालय में लगा मिला ताला तो घंटों बाहर बैठे रहे कुलसचिव

बरेली, अमृत विचार। शासन के आदेश पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कुलसचिव अजय कृष्ण यादव गुरुवार को पदभार ग्रहण करने पहुंचे तो कार्यालय में ताला पड़ा मिला। इसकी वजह से वह और उनका स्टाफ बाहर भटकते रहे। सुरक्षा प्रभारी से चाबी मांगी लेकिन नहीं मिली। 

चार घंटे बाद स्टाफ के कक्ष का ताला खुल गया लेकिन कुलसचिव के कार्यालय का नहीं। इस पर कुलसचिव ने दूसरी चाबी बनवाकर मंगाई ओर ताला खुलवाया। कुलसचिव ने इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में शासन को भी पत्र भेजा है। वहीं कुलपति प्रो. केपी सिंह की ओर से जांच पूरी न होने से पहले कुलसचिव की ओर से ताला खोलने को गलत बताया है और सुरक्षा प्रभारी से रिपोर्ट मांगी है।

कुलसचिव अजय कृष्ण यादव गुरुवार सुबह करीब सवा 10 बजे विश्वविद्यालय पहुंचे तो उनके कार्यालय में ताला लगा हुआ था। इस पर उन्हें और स्टाफ को बाहर रहना पड़ा। उन्होंने सुरक्षा प्रभारी सुधांशु से कार्यालय की चाबियों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि चाबियां उनके पास नहीं हैं। कुलसचिव ने शासन के आदेश के बारे में कहा तो बताया गया कि कुलपति के पास अभी लिखित आदेश नहीं पहुंचा है और व्हाट्सएप का आदेश मान्य नहीं। इस दौरान कुलसचिव ने यूपी 112 को भी विवाद की सूचना दे दी। यूपी 112 पहुंची लेकिन विवाद न होने पर वापस लौट गई। 

कुलसचिव ने उप कुलसचिव सुनीता यादव को भी शासन के आदेश का हवाला देते हुए चाबी उपलब्ध कराने के संबंद्ध में पत्र लिखा। वह काफी देर बाद स्टाफ के कहने पर परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार के कक्ष में बैठ गए। करीब ढाई बजे कुलसचिव के स्टाफ के कार्यालय का ताला तो खोल दिया गया। इस पर कुलसचिव ने सुरक्षा प्रभारी से फिर चाबी मांगी तो बताया कि चाबी नहीं है। 

इसके बाद कुलसचिव ने ताले की दूसरी चाबी बनवाकर मंगाई और फिर सुरक्षा प्रभारी की मौजूदगी में करीब साढ़े तीन बजे ताला खोला गया। इसकी वीडियोग्राफी भी की गई। कुलसचिव का कहना है कि शासन के आदेश का पालन नहीं कराया गया। ईमेल पर भी कॉपी कुलपति के पास भी पहुंची है। उन्होंने दिन के घटनाक्रम के बारे में शासन को भी अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है।

अतिरिक्त प्रभार के आदेश की संख्या अलग
वहीं शासन ने कुलपति के आदेश संख्या 486 को निरस्त किया गया है, जबकि कुलपति की ओर से आदेश संख्या 486 के क्रम में सुनीता यादव को कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश 487 दिया गया है। वहीं गुरुवार को कुलसचिव अजय कृष्ण यादव की ओर से सुनीता यादव को चाबी के संबंध में लिखे गए पत्र ही कुलपति की ओर से उन्हें ससम्मान नेहरू केंद्र में बैठाने का आदेश किया गया। चाबियों के बारे में बताया गया कि चाबी चपरासी के पास होती हैं और इसके जमा होने और फिर लेने की एंट्री भी रजिस्टर में होती है।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. अमित सिंह ने बताया कि कुलपति के 12 अप्रैल के आदेश के अनुसार 11 बिन्दुओं पर जांच चल रही है। इस दौरान कुलसचिव अजय कृष्ण यादव को नेहरू केंद्र स्थित कक्ष आवंटित किया गया है और कुलसचिव कक्ष को संरक्षित किया गया है ताकि जांच निष्पक्ष हो सके। 

जांच प्रकरण को राज्यपाल को संदर्भित किया गया है, उनका जैसा निर्देश होगा उसके अनुसार आगे की कार्यवाही होगी। शासन के आदेश की अभी अधिकृत प्रति उपलब्ध नहीं हो पाई है। कुलसचिव कक्ष का ताला जांच के दौरान बिना अनुमति के खोलने के संबंध में सुरक्षा प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई है। जानकारी होने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

उप कुलसचिव ने दिया आदेश, कुलसचिव ने बताया गलत
उप कुलसचिव सुनीता यादव ने गुरुवार को चुनाव के संबंध में छुट्टी का आदेश जारी किया। इस पर कुलसचिव अजय कृष्ण यादव ने आरोप लगाया कि शासन के आदेश के बाद भी उप कुलसचिव सुनीता यादव के कुलसचिव के नाम से आदेश गलत जारी किया है। इस संबंध में उप कुलसचिव सुनीता यादव का कहना है कि आदेश सुबह जारी किया गया था। कुलसचिव अजय कृष्ण यादव के आने के बाद कोई आदेश जारी नहीं किया गया।

10 अप्रैल से बढ़ता गया विवाद
विश्वविद्यालय में कुलपति और कुलसचिव की ओर से लगातार पत्र कई महीने से जारी किए जा रहे थे लेकिन 10 अप्रैल को शिक्षकों ने प्रोन्नित होने के बाद भी वेतन वृद्धि न होने पर कुलसचिव अजय कृष्ण यादव का घेराव किया था। इसके बाद से मामला बढ़ गया। 

दो दिन बाद 12 अप्रैल को कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कुलसचिव अजय कृष्ण यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें नेहरू केंद्र निदेशालय में संबद्ध कर दिया था और उप कुलसचिव सुनीता यादव को अतिरिक्त प्रभार दे दिया था। इस आदेश के खिलाफ कुलसचिव अजय कृष्ण यादव शासन में गए। शासन ने 16 अप्रैल को कुलपति के आदेश को खारिज कर दिया और कुलपति को आदेश दिया कि वह कुलसचिव अजय कृष्ण यादव को उनके पद पर बैठाएं।

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