अयोध्या: भक्तों की भीड़ से राम मय हुई भरत की तपोभूमि, सोहर गीतों पर नृत्य बना आकर्षण का केंद्र
मसौधा/अयोध्या, अमृत विचार। श्री राम जन्मोत्सव पर भक्तों की भीड़ से प्रेम मूर्ति भरत जी की तपोभूमि राम मय हो गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सोहर गीतों पर नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।दर्शक दीर्घा पर में बैठी महिलाएं स्टेज मंचन कर रही महिला कलाकारों के साथ थिरकती नजर आईं।
गुरुवार देर रात समापन के मौके पर मणिराम दास छावनी अयोध्या के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि रामलीला भगवान राम को याद करने का उपकरण है। जब तक त्याग, तपस्या और साधना के साथ जेहन में सेवाभाव नहीं होगा,तब तक प्रभु राम के दर्शन संभव नहीं। कहा कि यह वही तपोभूमि है जहां 14 वर्षों तक प्रभु राम की खड़ाऊं की सेवा और साधना में रहकर भरत जी ने गोमूत्र में पकाया जौ का आहार लेकर भूख मिटाते रहे। उसी तरह से भगवान के दर्शन के लिए साधना के साथ सेवाभाव का आचरण धारण करना होगा। महंत कमल नयन दास शास्त्री ने सर्वप्रथम मंदिर में भरत प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की। तत्पश्चात मंदिर परिसर में दक्षिण मुखी भरत गुफा में रखी भगवान राम की खड़ाऊ पर माथा टेक आराधना किया। रात करीब 9:30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के दौरान भगवान राम और भरत जी के चरित्र पर अपने विचार व्यक्त किये।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने छोड़ी छाप
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे रहीं संगम लता एंड टीम ने सोहर गीतों पर नृत्य के साथ "घर आए राम रघुरईया, अवध में बजे बधइया" राम जी कय भयल बा जनमवा, "चलो सखी कइल आई दर्शनवा " सहित अनेकों प्रस्तुतियों पर पंडाल में बैठी महिलाएं थिरकने नजर आईं। इस अवसर पर महंत कमलनयन दास शास्त्री ने कार्यक्रम में शामिल क्षेत्र के समाजसेवियों, जन्मोत्सव में लगे नंदीग्राम महोत्सव के पदाधिकारियों,सफाई कर्मचारियों सहित कार्यक्रम आयोजक महंत परमात्मा दास, रमाकांत पांडे, पवन कुमार पांडे, अजय पांडे, नगर पंचायत भरत कुंड भदरसा के सभासद प्रेम बाबू मौर्य, भाजपा नेता गुड्डू सोनी को अंग वस्त्र व भरत स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
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