शाहजहांपुर: काश! किसी ने उन्हें पटरी पर जाने से रोक लिया होता...मंगेतर पिता व अन्य परिजनों के साथ पहुंची खनपुरा

बोली- मेरे घर वालों से नहीं, बल्कि खुद के भाइयों के साथ लखन की हो गई थी तकरार

शाहजहांपुर: काश! किसी ने उन्हें पटरी पर जाने से रोक लिया होता...मंगेतर पिता व अन्य परिजनों के साथ पहुंची खनपुरा

तिलहर/ शाहजहांपुर, अमृत विचार। तिलहर क्षेत्र के गांव खनपुरा निवासी लखन वर्मा की ट्रेन से कटकर मौत की खबर सुनकर उसकी होने वाली पत्नी (मंगेतर ) खनपुरा पहुंची। इस दौरान उसने कहा कि जब वह मोबाइल फेंक कर घर से निकल रहे थे, तब उन्हें आखिर रोका क्यों नहीं गया। यदि उन्हें रोक लिया होता तो वह दुनिया में होते। होने वाली पत्नी ने बताया कि उसके पिता सब्जी बेचते हैं फाइनेंस पर कार खरीदी थी। अब उसका क्या होगा। वहीं लखन के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

गांव खनपुरा निवासी लखन वर्मा की शादी बदायूं के थाना उझानी के गांव भगवानपुर निवासी एक युवती से तय हुई थी। दोनों ने बरेली के एक कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स इसी वर्ष कंपलीट किया था। दोनों एक दूसरे को पहले से ही जानते थे और शादी करना चाहते थे, जिस पर परिवार के लोगों ने अपनी भी रजामंदी देते हुए तिलक और शादी की तारीख पक्की कर दी थी। लखन को कार की ख्वाहिश थी, इसलिए युवती के पिता ने अपनी बेटी के नाम कार फाइनेंस कराकर एजेंसी से निकाल ली थी, जिसे बुधवार को तिलक समारोह में लखन के घर पहुंचा भी दिया। 

युवती का कहना था कि उसके पिता सब्जी बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। जैसे-तैसे व्यवस्था करके उसके लिए दहेज का सामान इकट्ठा किया था। युवती ने बताया कि गुरुवार को बरात आनी थी, तब उसने लखन के पास फोन मिलाया था, कॉल चलने के दौरान उसे लखन के परिवार में झगड़ा होने की आवाजें सुनाई दे रहीं थीं। लखन की ट्रेन से कटकर मौत की खबर सुनकर यहां पहुंचने पर उसे पता चला कि झगड़े के दौरान लखन ने अपना मोबाइल तेजी से फेंक दिया और तेज कदमों से घर के बाहर निकल गया। काश ! लखन को किसी ने रोक लिया होता तो यह घटना नहीं घटती। वह बार-बार लखन को याद कर बिलख रही थी। 

युवती के पिता का कहना था कि मृतक के परिवार को तो दर्द मिला है, उससे कहीं ज्यादा उसे और उसकी बेटी को भी दर्द है। इस दौरान युवक के परिजनों ने तिलक में दी गई कार  व अन्य सामान को लौटाने की भी बात कही है। जिस पर युवक के परिवार वाले इस मामले में कुछ दिन रूक कर बात करने की कह कर लौट गए।

श्मशान घाट के पास दफन कर दिया शव
लखन वर्मा का शव पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार शाम करीब चार बजे गांव पहुंचा, जहां परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किए जाने की पहले ही तैयारी कर ली थी। शव को घर न ले जाकर सीधे शमशान घाट ले गए क्योंकि ट्रेन से कटने के बाद शव क्षत-विक्षत हो चुका था। शमशान घाट पर शव को दफन कर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

रोते-रोते सूख चुकीं थीं आंखे, रुद्ध गया था गला 
लखन की मौत पर बिलख रहीं परिवार की महिलाओं के आंख के आंसू सूख चुके थे और गला रुद्ध गया था। लखन की शादी में शामिल होने आईं रिश्तेदार महिलाओं का भी हाल था। कुछ देर को महिलाएं शांत हो जाती तो कभी फिर से रोने लगती। लखन की बातें बार बार याद आ रहीं थीं। वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था।

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