मुरादाबाद : स्टेटस सिंबल बन गया सोशल मीडिया, हर गतिविधि कर रहे शेयर...साइबर ठगों की इन देशों से आ रही हैं कॉल, जानें कंट्री कोड

 बढ़ रहा साइबर अपराध, ठग खंगाल रहे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की आईडी,  पढ़े लिखे लोगों के साथ ही हो रही अधिकांश घटनाएं, अपरिचित कॉल से रहें सतर्क

मुरादाबाद : स्टेटस सिंबल बन गया सोशल मीडिया, हर गतिविधि कर रहे शेयर...साइबर ठगों की इन देशों से आ रही हैं कॉल, जानें कंट्री कोड

मुरादाबाद, अमृत विचार। आजकल व्यक्ति अपने जीवन की हर गतिविधि को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर कर रहा है। वह तनिक भी नहीं सोच रहा है कि उसकी गतिविधि का प्रयोग कौन किस रूप में और कहां कर रहा है। यहां तक कि अब लोग घर में शादी हो या बर्थ-डे या फिर कोई धार्मिक व अन्य आयोजन, इनकी भी सूचना लोग अपने रिश्तेदारों-मित्रों को सोशल मीडिया के जरिए ही देने लगे हैं। फिर इन आयोजनों की तस्वीरें, वीडियो आदि भी शेयर करना नहीं भूल रहे हैं।

इस तरह घर की महिलाएं हों या फिर पुरुष, जो लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम या सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म प्रयोग कर रहे हैं, उनकी संपूर्ण गतिविधि से साइबर अपराधी वाकिफ हैं। अपराधी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, आपकी भी आइडी पर उनकी नजर है। चूंकि, उनका काम केवल शिकार फंसना है और इसलिए वह दिनभर ऐसे लोगों को तलाश कर उनको ठगी का शिकार बना रहे हैं।

जी हां, ये बातें हम नहीं बल्कि साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह कह रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों के लिए सोशल मीडिया स्टेटस सिंबल बन गया है...फॉलोवर्स बढ़ाने के चक्कर में यह भी नहीं देख रहे हैं कि जिसे अपने से जोड़ रहे हैं, वह कौन है और कहां का है। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि इससे साइबर ठगी करने वालों को आसानी से पता चल जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति किस स्टेटस वाला है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि साइबर ठगी का शिकार पढ़े-लिखे लोग ही बन रहे हैं। कोई गांव-देहात का व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार नहीं हो रहा है। साइबर ठगी के 99 प्रतिशत मामले पढ़े-लिखे लोगों से ही जुड़े हैं, कोई डॉक्टर है तो अधिकारी या शिक्षक, ये सब साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं।

घटना छिपाएं नहीं, बताएं...
साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक ने कहा, साइबर ठगी की घटना होने पर पीड़ित अपने को हीन और कमजोर मान लेते हैं। घटना बताने में उन्हें बेइज्जती लगती है। यदि पीड़ित ऐसा करेंगे तो निश्चित ही साइबर क्राइम को बढ़ावा मिलेगा। घटना को छिपाना नहीं चाहिए, उसके बारे में जितना ही जल्दी हो साइबर थाने पर या फिर साइबर क्राइम सेल में सूचना दें। ताकि उसके बारे में कार्रवाई हो और ठगी करने वालों को सजा दिलाई जा सके। कोई अपरिचित कॉल आए तो पहले ध्यान पूर्वक देखें-समझें फिर बहुत संतुलित बातचीत करें। कंट्री कोड पर नजर रखें। यदि कोई नंबर विदेश से संबंधित है तो बेहतर होगा कि रिसीव न करें। यदि रिसीव करें तो बात करें, टेंशन में आकर घबराएं नहीं और हां यह भी ध्यान रखें कि कोई अधिकारी जैसे सीबीआइ, आइबी का हो या फिर पुलिस का, फोन पर यदि वह आपको डरा-धमका कर रुपये मांग रहा है तो निश्चित ही वह फर्जी और जालसाज व्यक्ति है, इसे समझे।

इन देशों से आ रही हैं कॉल, जानें कंट्री कोड

  • देश  - कंट्री कोड
  • पाकिस्तान - 92
  • बांग्लादेश - 880
  • इंडोनेशिया - 62
  • थाईलैंड - 66
  • जापान - 81
  • दुबई - 971
  • चीन - 86

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