Kanpur: वसूली से आहत सब्जी विक्रेता ने दी थी जान...आरोपी दरोगा-सिपाही अभी भी फरार, पांच टीमें कर रही तलाश

कानपुर में दरोगा-सिपाही की गिरफ्तारी को पांच टीमें गठित

Kanpur: वसूली से आहत सब्जी विक्रेता ने दी थी जान...आरोपी दरोगा-सिपाही अभी भी फरार, पांच टीमें कर रही तलाश

कानपुर, अमृत विचार। सचेंडी में चकरपुर चौकी इंचार्ज और सिपाही की वसूली से त्रस्त और परेशान करने पर सब्जी विक्रेता सुनील कुमार राजपूत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मौत से पहले उसने अपनी पीड़ा भरे दो वीडियो बनाकर फेसबुक में लोड कर दिया था।

जिसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया था। आत्महत्या कांड के पांच दिन बीत जाने के बाद भी दोनों की गिरफ्तारी न हो पाने पर शनिवार को पुलिस की पांच टीमें गठित की गई है। इन टीमों ने आरोपियों की तलाश में उनके संभावित ठिकानों पर दबिशें देना शुरू कर दिया है।

डीसीपी पश्चिम विजय ढुल ने बताया कि आरोपी दरोगा सुरेंद्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इसकी मियाद 17 मई को पूरी हो गई। अब 18 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की गई है। इसमें सर्विलांस, थाना पुलिस, स्वाट टीम, एडीसीपी और एसीपी पनकी की टीम शामिल है।

एडीसीपी व एसीपी को ही केस पर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि इस घटना की विवेचना सचेंडी थाने के द्वितीय इंस्पेक्टर जसवंत सिंह कर रहे हैं। सुनील के कब्जे में लिए गए मोबाइल फोन को शनिवार को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया। साथ ही जांच के बिंदु के सवाल भी भेजे गए हैं। 

डीसीपी ने बताया कि सुनील के मोबाइल फोन में से चार ऑडियो कॉल, दो वीडियो और सुनील के आत्महत्या करने के वीडियो हैं। इन सभी ऑडियो और वीडियो को आगरा और लखनऊ की फोरेंसिक लैब भेजा गया है। वहीं, आवाज का सैंपल और ऑडियो की आवाज भी जांच के लिए भेजी जाएगी। जो ऑडियो वायरल हुए हैं, उनमें दरोगा लगातार धमकी देता हुआ सुनाई दे रहा है। इसके साथ ही दरोगा रुपये और सब्जी की मांग भी कर रहा है। ऑडियो रिपोर्ट आने के बाद दरोगा सत्येंद्र व सिपाही अजय के खिलाफ रिश्वत मांगने के पुख्ता सुबूत मिल जाएंगे।

सोमवार की रात सुनील ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए दो वीडियो फेसबुक पर वायरल करने के बाद फंदा लगाकर जान दे दी थी। मंगलवार दोपहर ही दरोगा सत्येंद्र और सिपाही अजय के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। 24 घंटे के भीतर मामले में रंगदारी मांगने की धारा लगा दी गई।

बुधवार को पुलिस ने दरोगा के कमरे का ताला तोड़कर रिवॉल्वर और सिपाही अजय के कमरे का ताला तोड़कर रायफल बरामद कर ली थी, लेकिन घटना के पांच दिन बाद भी आरोपी दरोगा व सिपाही को पुलिस नहीं ढूंढ सकी है। इस संबंध में पनकी एसीपी तेजबहादुर सिंह ने बताया कि अभी तक सत्येंद्र और अजय का पता नहीं चल पाया है। दोनों की गिरफ्तारी के लिए टीमें तलाश कर रही हैं।

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