Bareilly News: हैंडपंपों के हलक हैं सूखे, कैसे बुझेगी प्यास

Bareilly News: हैंडपंपों के हलक हैं सूखे, कैसे बुझेगी प्यास

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम की पानी की सप्लाई कभी प्रभावित होती है तो पुराने इंडिया मार्का हैंडपंप लोगों के काम आते हैं लेकिन अफसरों की बेपरवाही यह विकल्प भी खत्म करती जा रही है। जलकल विभाग के कागजों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 3904 हैंडपंप लगे हैं और इनमें से 324 हैंडपंप रीबोर कराए जाने के कारण पानी नहीं दे रहे हैं। इन्हें रीबोर कराने का काम लंबे समय से टाला जा रहा है।

हैंडपंपों की असल स्थिति नगर निगम के कागजी आंकड़ों से ज्यादा खराब है। तमाम जगह जहां सड़क बनाई गई हैं, वहां हैंडपंप गायब हो चुके हैं। तमाम हैंडपंप सीवर लाइन बिछाने के लिए भी उखाड़कर फेंक दिए गए।सड़कें चौड़ी की गईं, तब भी उन्हें हटा दिया गया। ये हैंडपंप जलकल विभाग के दस्तावेजों में अब भी पानी दे रहे हैं लेकिन मौके पर उनका नामोनिशान कबका मिट चुका है।

आजमनगर में सीवर लाइन और पाइप लाइन बिछाई गई तो कई हैंडपंप उखाड़ दिए गए। ये हैंडपंप कहां गए किसी को पता नहीं है। तमाम हैंडपंप खराब हैं और मरम्मत का इंतजार कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि ये हैंडपंप काफी समय से खराब पड़े हैं। जो ठीक हैं, उनमें पानी के साथ गंदगी भी आ रही है। 

रविवार को पड़ताल करने पर पता चला कि विश्वनाथपुरम् कॉलोनी, बीडीए कॉलोनी बदायूं रोड, चौपुला चौराहा और बगिया, पटेल चौक, पुलिस लाइन, आवास विकास कॉलोनी समेत तमाम जगहों पर हैंडपंप खराब पड़े हैं। लोगों के शिकायतें करने के बाद भी उन्हें ठीक नहीं कराया गया है। हालांकि अफसरों का दावा है कि शिकायत मिलने के बाद एक-दो दिन में ही हैंडपंप को ठीक करा दिया जाता है।

पेयजल की डिमांड बढ़ी, सप्लाई कम, खरीदना मजबूरी
स्मार्ट सिटी के रखरखाव और सुविधाओं की जिम्मेदारी संभालने वाला नगर निगम लंबे समय बाद भी शहर को जरूरत के मुताबिक पीने के पानी की सप्लाई करने में सक्षम नहीं हो पाया है। फिलहाल वह शहर में 142 एमएलडी यानी 14 हजार 200 लाख लीटर पानी की सप्लाई कर रहा है जबकि खुद उसी के आंकड़ों के मुताबिक शहर को 175 एमएलडी यानी 17 हजार 500 लाख लीटर पानी की जरूरत है जो गर्मी बढ़ने के साथ और बढ़ रही है। इस लिहाज से तीन हजार 300 लाख लीटर पानी की कमी है जो 70 हजार से भी ज्यादा लोगों की जरूरत पूरी कर सकता है।

बता दें कि नगर निगम के पास शहर के 80 वार्डों में पानी की सप्लाई के लिए 42 ओवरहेड टैंक हैं। इनमें से करीब 40 वार्डों में लोगों की कम प्रेशर से पानी पहुंचने की शिकायतें हैं। तमाम इलाकों में दूषित पानी पहुंचने की भी शिकायतें हैं जिसे पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। 

नगर निगम के अफसर आमतौर पर इन शिकायतों पर गौर नहीं करते, लिहाजा ये शिकायतें भी कई साल से जस की तस हैं। स्मार्ट सिटी में पैसा खपाने पर ज्यादा जोर है या लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने पर, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवादा शेखान में नगर निगम के ट्यूबवेल का पंप दो साल से खराब पड़ा है। कोई उसकी सुध लेने को तैयार नहीं है।

बोले- गर्मी को देखते हुए खराब हैंडपंपों की सूची बनवा रहे हैं
नगर निगम का जलकल विभाग प्रचंड गर्मी शुरू होने के बाद खराब हैंडपंपों की सूची बनवाने का दावा कर रहा है। जलकल विभाग के महाप्रबंधक सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि गर्मी को देखते हुए सभी वार्डों में खराब हैंडपंपों की सूची बनवाकर उन्हें ठीक कराने का काम किया जा रहा है। खराब हैंडपंपों को रीबोर कराया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कहीं से भी हैंडपंप खराब होने की सूचना मिलती है तो उन्हें जल्द से जल्द ठीक कराने की कोशिश की जाती है। बता दें कि शहर में सैकड़ों हैंडपंप बरसों से खराब पड़े हैं।

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