रक्षा क्षेत्र का मजबूत घटक

रक्षा क्षेत्र का मजबूत घटक

डिजिटलीकरण के क्षेत्र में आगे बढ़ रही दुनिया में साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय रक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। भारत के लिए भी साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। साइबर सुरक्षा के मामले में भारत की दक्षता ऐसे क्षेत्र में महत्वपूर्ण है जहां साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं। 

विदेशी हैकर्स विभिन्न भारतीय संस्थानों पर साइबर हमले कर डेटा की चोरी कर लेते हैं और काम भी ठप कर देते है। रक्षा सूत्रों के अनुसार विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन के हैकर्स द्वारा सैन्य प्रणालियों में सेंध लगाकर जानकारी चुराने और व्यवधान पैदा करने के प्रयास किए जाते हैं। ऐसे में भारतीय सेना के लिए भी साइबर सुरक्षा बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए सेना की ओर से कई स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। भारत ने सूचना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्षमताएं विकसित की हैं। 

हमारे साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षा नेटवर्क को मजबूत करने, उन्हें साइबर हमलों से बचाने और बहुत संवेदनशील सूचनाओं को गलत हाथों में पड़ने से बचाने के लिए काम कर रहे हैं। साइबर क्षेत्र में भारत की रक्षा क्षमताओं को विस्तार देने के महत्व को देखते हुए रक्षा साइबर एजेंसी द्वारा साइबर सुरक्षा अभ्यास शुक्रवार तक आयोजित किया जा रहा है। रक्षा साइबर एजेंसी को साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने का काम सौंपा गया है। यह भारतीय सशस्त्र बलों की एक त्रि-सेवा कमान है जो साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए जिम्मेदार है। 

यह आयोजन तेजी से उभरते हुए और महत्वपूर्ण साइबर क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। निश्चित रूप से भारतीय सेना देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साइबर क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही है। 

साइबर सुरक्षा परिदृश्य में सुधार के लिए भारत में कई पहलें और नीतियां अपनाई गई हैं, जैसे राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, साइबर सेल एवं साइबर अपराध जांच इकाइयां, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम। हालांकि, ये प्रयास अभी भी अपर्याप्त हैं, क्योंकि भारत को तकनीकी कर्मचारियों, साइबर फोरेंसिक सुविधाओं, साइबर सुरक्षा मानकों और विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

इस संबंध में देश में व्यापक और अद्यतन कानून बनाने की आवश्यकता है जो साइबर सुरक्षा के सभी पहलुओं, जैसे साइबर आतंकवाद, साइबर युद्ध, साइबर जासूसी और साइबर धोखाधड़ी को दायरे में ले। भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए साइबर क्षेत्र में सभी संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल होना जरूरी है।

ये भी पढे़ं- चुनाव आयोग सख्त