लखनऊ : मानसिक रोगी बना रही अघोषित बिजली कटौती

मनोरोग विभाग में अवसाद से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ी

लखनऊ : मानसिक रोगी बना रही अघोषित बिजली कटौती

अमृत विचार, लखनऊ। शहर में हो रही अघोषित बिजली कटौती से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। सभी प्रमुख अस्पतालों के मानसिक रोग विभाग में चिड़चिड़ेपन और अवसाद जैसी समस्या के रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि रात में घंटों बत्ती गुल रहने से लोग नींद नही पूरी कर पा रहे हैं। इसकी वजह से यह समस्या गंभीर हो रही है।

बलरामपुर अस्पताल के मनोरोग चिकित्सक डॉ. अभय सिंह ने बताया भीषण गर्मी में बिजली जाने से लोग नींद पूरी नही कर पा रहे हैं। देर रात अचानक बिजली गुल होने से नींद टूट जा रही और पूरी रात जागकर बितना पड़ रहा है। इसपर सुबह काम पर जाने का भी दबाव रहता है। इसकी वजह से लोगों में मानसिक परेशानियां बढ़ रही हैं। जिन्हें पहले से डिप्रेशन या ऐसी कोई समस्या है उनके लिए बिजली कटौती और घातक बन रही है।

डॉ. अभय के मुताबिक इस समय बलरामपुर अस्पताल की मानसिक रोग की ओपीडी में रोजाना 150 से 200 मरीज आ रहे हैं इनमें से 30 से 35 मरीजों की संख्या गर्मी और नींद पूरी न होने के कारण है। ज्यादातर मरीज बतातें हैं कि बिजली कटौती के कारण रात को नींद पूरी नहीं कर पा रहें हैं, दिन में काम का दबाव रहता है।डॉ. अभय का कहना है कि शोध में यह खुलासा हो चुका है कि नींद की अधिक दवा खाने से यह घातक हो सकती है। इससे मृत्यु होने का भी खतरा है।


घर के सदस्यों से झगड़ा होना भी गर्मी के कारण मानसिक समस्या के लक्षण

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मनोरोग विशेषज्ञ प्रो.आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि तीखी धूप और प्रचंड गर्मी ना केवल शरीर को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ रही है। यदि अचानक से घरों में लड़ाई-झगड़े बढ़ रहे हैं, असामान्य हरकतें हो रही हैं, चिड़चिड़ापन और तनाव ज्यादा हो रहा है, तो इसके पीछे गर्मी भी बड़ा कारण हो सकता है। गर्मी के कारण ओपीडी में घबराहट वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। गर्मी में ही इस तरह की बीमारियां सामने आती हैं। जिसे एंग्जाइटी कहा जाता है।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

डॉ. अभय का कहना है कि अगर घबराहट रहती है, डर लगता है, बेचैनी, शरीर में कंपन रहना, दिल की धड़कन बढ़ना, तनाव महसूस करना, सिर में दर्द, हाथ-पैर में पसीना आता है या फिर बार-बार ये मन में आता है कि बुरा होने वाला है तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

अपनी बात को दूसरे के साथ साझा जरूर करें गर्मी में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। बैचेनी और नींद न आना की समस्या रहती है। जिन मरीजों की दवाई चल रही है वह लेते रहें। इसके अलावा लोग अपने मन की बात दूसरों के साथ साझा जरूर करें। कम से कम आधा घंटा व्यायाम जरूर करें। फास्ट फूड से परहेज करें। ठंडे स्थान पर रहें, पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं। सोने से करीब डेढ़ घंटा पहले मोबाइल छोड़ दें।