Kanpur: सीसामऊ नाले से गंगा में हर दिन गिर रहा एक करोड़ लीटर सीवेज, दो पंप हुए खराब, KRMPL पर एफआईआर दर्ज

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
On

कानपुर, अमृत विचार। सीसामऊ नाला एक बार फिर से गंगा की निर्मलता के लिये कलंक बन गया है। हर दिन नाले से एक करोड़ लीटर (10 एमएलडी) दूषित पानी (सीवेज) गंगा में बह रहा है। पिछले चार दिनों में करीब 40 एमएलडी सीवेज गंगा में बह चुका है। 

रविवार को भी गंगा में नाले से सीवेज जाता रहा। जलनिगम (ग्रामीण) के अधिकारियों ने कार्यदायी संस्था कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (केआरएमपीएल) कंपनी पर कानपुर के ग्वालटोली थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हो गई है। जल निगम (ग्रामीण) प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानेंद्र चौधरी ने बताया कि कंपनी ने खराब दो पंपों को ठीक कराने और पूरी क्षमता से पानी को एसटीपी में डॉयवर्ट करने के लिये 28 मई तक समय मांगा है। 

नमामि गंगे योजना के तहत सीसामऊ नाले को 2019 में पूर्ण रूप से टेप किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने 14 दिसंबर 2019 को शहर आकर नाले को सेल्फी प्वाइंट तक घोषित कर दिया। लेकिन, सीसामऊ नाले का संचालन कर रही कंपनी केआरएमपीएल की लापरवाही से सीसामऊ नाले की पुरानी तस्वीर फिर दिखने लगी है। यहां गंगा में चार दिनों से दूषित पानी गिर रहा है। 

जलनिगम और यूपीपीसीबी के अधिकारियों की जांच में मिला है कि भैरोघाट आईपीएस में तीन पंप ही चल रहे हैं। जबकि दो पंप पूरी तरह से खराब हैं। वहीं, एक पंप को रिजर्व में रखा गया। जल निगम (ग्रामीण) प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानेंद्र चौधरी ने बताया कि छह पंप में पांच जब लगातार चलते हैं तो नाले के पानी को एसटीपी तक भेजा जाता है। दो पंप खराब होने की वजह से पानी का लोड नहीं संभल रहा है और आपातकाल में पानी को गंगा में छोड़ना पड़ रहा है। 

ज्ञानेंद्र चौधरी ने कहा कि हर दिन 10 एमएलडी दूषित पानी सीवेज में जा रहा है जो कि एक गंभीर प्रकरण है। इस मामले में डीएम के निर्देश पर कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा-420, पर्यावरण प्रदूषण अधिनियम के तहत  एफआईआर दर्ज कराने के लिये ग्वालटोली थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके साथ ही एनएमसीजी (राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन) को जानकारी देने के साथ ही कंपनी को काली सूची में डालने की संस्तुति की है।

कंपनी को हर दिन का देना होगा जुर्माना

ज्ञानेंद्र चौधरी ने बताया कि टेप नालों और एसटीपी का संचालन करने वाली कंपनी के खिलाफ गंगा में दूषित पानी को छोड़ने के मामले में अभी तक 13 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। एक बार फिर से चार दिनों से दूषित पानी गंगा में गिर रहा है। हम हर दिन का आंकलन करने के बाद कंपनी पर और आर्थिक जुर्माना लगांएगे। सोमवार को इसके संबंध में मौके पर निरीक्षण भी करेंगे। यह लापरवाही अक्षम्य है। 

कंपनी ने 28 मई तक समस्या को ठीक करने के लिये टाइम मांगा है। हालाकि, कंपनी का काम पहले से ही गड़बढ़ हैं। पहले भी कई बार लापरवाही मिली है। इससे गंगा को निर्मल करने में कठिनाई आ रही है। कंपनी पर बड़ी कार्रवाई होगी। - ज्ञानेंद्र चौधरी, प्रोजेक्ट मैनेजर, जल निगम (ग्रामीण) 

सीसामऊ नाले से गंदा पानी गंगा में जाता मिला है। भैरोघाट आईपीएस में तीन पंप ही चलते मिले। कंपनी को नोटिस देने के साथ ही प्रदूषण फैलाने में जुर्माना लगाएंगे। हालांकि, जलनिगम के सुपरवीजन में ही कंपनी काम कर रही है। जो भी र्कारवाई करनी है वह ही करेगी। - अमित मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

यह भी पढ़ें- Kanpur: गंगा में डूबे युवकों का बैग जंगल में जलाया...CCTV कैमरे में मृतक का बैग ले जाती युवती कैद, जानें- पूरा मामला

 

संबंधित समाचार