हल्द्वानी: गरीबी की भट्टी में तप कर राजनीति का कुंदन बने अजय

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। न मार्गदर्शन करने वाले पिता और न परिवार के पास इतना पैसा की जीवन सुकून से गुजर पाता। गरीबी ने इस कदर जकड़ा की जीवन दुश्वारियों से जकड़ गया। छोटी सी उम्र में पिता का साया सिर से उठा तो दो छोटे भाई भी साथ छोड़कर अनंत यात्रा पर चले गए, लेकिन अजय ने हार नहीं मानी। सब्जी बेची, मेलों में दुकानें लगाकर शिक्षा प्राप्त की। आज उत्तराखंड की राजनीति का बड़ा चेहरा बन चुके अजय भट्ट लोगों के लिए किसी नजीर से कम नहीं हैं। 

गांधी चौक रानीखेत अल्मोड़ा के रहने वाले अजय भट्ट पर किशोरावस्था में ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। उनके सिर से पिता का साया उठा तो दो भाइयों की भी मौत हो गई। छोटी ही उम्र में परिवार की जिम्‍मेदारी उन पर आ गई। मेलों में दुकानें लगाकर पढ़ाई का खर्चा निकाला। द्वाराहाट में सब्जी की दुकान लगाई। फिर अल्मोड़ा से एलएलबी किया और 1985 में वह भाजयुमो से जुड़ गए। उन्होंने नगर पंचायत का चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए।

हालांकि हिम्मत नहीं हारी।  वर्ष 2017 में राज्य चुनावों से पहले उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। उत्तराखंड सरकार में मंत्री के रूप में कई विभाग संभाले। रानीखेत विधानसभा से विधायक के रूप में भी काम किया। इन लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड की नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से केंद्रीय राज्‍य मंत्री और सांसद अजय भट्ट भाजपा उम्‍मीदवार के रूप में मैदान में उतरे और विजय हुए। इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उनकी पत्नी पुष्पा भट्ट भी वकालत करती हैं। तीन पुत्रियां व एक पुत्र है। 

विद्यार्थी परिषद से जुड़े और कई बार जेल गए
हल्द्वानी : अजय भट्ट विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी परिषद से जुड़े और 1980 से सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे। उनका पूरा परिवार जनसंघ को समर्पित था। मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में उत्तरांचल राज्य प्रगति के लिए अल्मोड़ा में उनकी गिरफ्तारी हुई। अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए दो बार गिरफ्तारी हुई। 8 दिसंबर 1990 को मुलायम सिंह के अयोध्या कांड के बाद प्रथम बार सार्वजनिक तौर पर रानीखेत आगमन पर प्रबल विरोध में गिरफ्तारी और मुकदमा कायम हुआ।

राजनीतिक जीवन
1985 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश के नेतृत्व ने उन्हें कार्यकारणी सदस्य बनाया।
1996 से 2000 तक विधायक रानीखेत
2002 से 2007 तक पुन: विधायक रानीखेत और दो बार प्रदेश महामंत्री रहे।
2001-2002 में अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व
2009 से 2011 तक उत्तराखंड सरकार में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार एवं अनुश्रवण परिषद के अध्यक्ष
2012 से 2017 तक नेता प्रतिपक्ष
31 दिसंबर 2015 से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
2019 में नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से सांसद
2021 से केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री बने