Exclusive: विदेशी कंपनियों ने मुंह मोड़ा, मदरसों की टूटी कमर, बकरीद पर इस बार विदेशी कंपनियां नहीं आई चमड़ा खरीदने

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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जमीर सिद्दीकी, कानपुर। बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी को लेकर विदेशों तक फैली अफवाहों के चलते देश को हजारों करोड़ से अधिक की चपत लगी है और मदरसों की भी कमर टूटने के कगार पर है। बकरीद पर कुर्बानी होगी या नहीं, दहशत में लोग कुर्बानी कराएंगे या नहीं, ये अफवाह फैलने के बाद यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान जैसे देशों के लेदर कारोबारियों ने मुंह मोड़ लिया। ये विदेशी कंपनियां जो भारत से चमड़े का कारोबार करती थीं, अब वे पाकिस्तान और बांग्लादेश से चमड़े का काम करने लगीं जिससे राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।

बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी से निकलने वाली खाल को लेने के लिए दो से तीन माह पहले विदेशी कंपनियों के जिम्मेदार पूरे भारत में चमड़ा कारोबारियों, कानपुर के टेनरी वालों और मदरसों संचालकों से संपर्क करते थे और उन्हें करोड़ों रुपये एडवांस करके कहते थे कि वे बकरीद पर निकलने वाला चमड़ा किसी और को नहीं दें, उन्हें ही दें। 

नतीजा ये था कि मदरसे को दान में मिलने वाली हजारों खाल में एक एक खाल की कीमत 1000 से 2000 रुपये तक बिकती थी। लेकिन कुर्बानी को लेकर ये अफवाह फैली कि सरकार कुर्बानी नहीं होने देगी जिसके नतीजे में विदेशी कंपनियों ने मुंह मोड़ लिया और इन कंपनियों ने पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से चमड़ा खरीदना शुरु कर दिया। अब नतीजा ये है कि कुर्बानी से निकलने वाली खाल कोई खरीदने को तैयार नहीं है, 1500 वाला चमड़ा मात्र 20 से 30 रुपये में बिक रहा है। 

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