Kanpur: डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन धड़ाम; कई मोहल्लों में सप्ताह में तीन दिन ही हो रहा कूड़ा उठान, सड़कों पर बजबजा रही गंदगी
कानपुर, अमृत विचार। शहर के कई वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना धड़ाम हो गई है। कई मोहल्लों में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां नहीं पहुंच रही हैं। कई क्षेत्रों में दोपहर बाद घरों से कूड़ा लिया जा रहा है। इससे परेशान लोग अपने समीपस्थ अड्डे पर कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं।
कई जगह तो सप्ताह में तीन दिन ही कूड़ा उठाए जाने से बरसात में गंदगी बजबजा रही है। इस हाल में जब कूड़ा उठाने का शुल्क लेने वाले कर्मचारी दरवाजे पर पहुंचते हैं तो विवाद हो रहे हैं। आईजीआरएस पोर्टल पर भी कूड़ा नहीं उठने और गंदगी की शिकायतें बढ़ रही हैं।
सर्वेक्षण-2023 में कचरा मुक्त शहर के लिए कानपुर को भले ही थ्री स्टार रेटिंग मिली हो लेकिन, जमीनी हालात बदहाल हैं। शहर में सुबह 9 बजे से पहले सड़क से कूड़ा उठाने के दावे अधिकतर स्थानों पर हवा-हवाई हैं। महापौर की योद्धा टीम पहले ही खत्म हो चुकी है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी अमित सिंह गौर के मुताबिक अभी 90 वार्डों से डोर टू डोर कूड़ा उठान हो रही है। जल्दी ही सभी 110 वार्डों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि उनके दावों के इतर वार्डों में घरों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था दम तोड़ रही है। क्षेत्रीय पार्षद समस्या नगर निगम अधिकारियों को बता चुके हैं। लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है।
सबसे ज्यादा कूड़ा उठान में मिलते नंबर
स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में जगह बनाने के लिये छह हजार प्वाइंट की जरूरत होती है। अलग-अलग साफ सफाई को लेकर रेटिंग तय की जाती है। इसमें सबसे ज्यादा कचरा उठान की रेटिंग होती है, लेकिन कुछ वार्डों में लचर काम और आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण नहीं होने से शहर की रैंकिंग पर फर्क पड़ रहा है। स्वच्छता रैंकिंग में कूड़ा गाड़ियां, गीला-सूखा कचरा उठान, दो डस्टबीन का प्रयोग भी देखा जाता है।
सप्ताह में तीन दिन तो डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले नहीं आते हैं। इससे लोगों को घरों का कूड़ा सड़क पर आ जाता है। - लियाकत अली, पार्षद, वार्ड 71- चमनगंज
घर से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां समय पर नहीं आती हैं। शनिवार और रविवार को तो आती ही नहीं हैं। इससे लोगों को बड़ी समस्या हो रही है। - विनय शुक्ला, पार्षद पति, वार्ड 60 - रावतपुर गांव
