केंद्र सरकार ने देशभर में चिन्हित की 57 टूरिस्ट डेस्टिनेशन, यूपी के इन शहरों का भी होगा विकास

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Published By Muskan Dixit
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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा अहम फैसला लिया गया है। स्वदेश दर्शन 2.0 में उत्तर प्रदेश की कई जिले चिन्हित किए गए हैं। इसमें श्रावस्ती, मिर्जापुर,गोरखपुर, डोमरियागंज, बस्ती, बाराबंकी आदि शामिल हैं।

लखनऊ, अमृत विचारः भारत सरकार लगातार डोमेस्टिक टूरिजम को बढ़ावा देने में लगी हुई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी -2.0) के रूप में नया आयाम दिया है। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में बताया कि उनका उद्देश्य गंतव्य और पर्यटन-केंद्रित दृष्टिकोण का पालन करते हुए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है। स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत विकास के लिए 57 पर्यटन स्थलों का चयन किया है।

सरकार ने देश भर के विभिन्न राज्यों में पर्यटन को बढ़ाने के लिए कुल 644.00 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। 

सरकार ने चैलेंज बेसड चुनौती-आधारित गंतव्य विकास यानी की CBDD योजना के तहत 42 गंतव्यों को चिन्हित किया है। सीबीडीडी योजना स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना है और इसके लिए अलग-अलग दिशानिर्देश जारी किए हैं।

इसके अलावा 11 आध्यात्मिक स्थलों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। देश भर में कुल 10 इको-पर्यटन स्थल और अमृत धरोहर स्थलों की भी पहचान की गई है। इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया है। इसके लिए 5 गांवों को वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में भी दौड़ेगी विकास की गाड़ी
श्रावस्ती, कुशीनगर और कपिलवस्तु में बौद्ध सर्किट के विकास के लिए 87.89 करोड़ की धन राशि को मंजूरी दी गई है। रामायण सर्किट का निर्माण चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर में होगा। इसके लिए 69.45 मंजुरी मिली। अहार, अलीगढ़, कासगंज, सरोसी (उन्नाव), प्रतापगढ़, कौशांबी, मिर्जापुर, गोरखपुर, डोमरियागंज, बस्ती, बाराबंकी, आजमगढ़, कैराना, बागपत, शाहजहांपुर में आध्यात्मिक सर्किट का विकास होगा। इसके लिए 71.91 करोड़ की मंजुरी दी गई।

आध्यात्मिक सर्किट के लिए ही बिजनौर, मेरठ, कानपुर, कानपुर देहात, बांदा, गाजीपुर, सलेमपुर, घोसी, बलिया, अम्बेडकरनगर, अलीगढ़, फतेहपुर, देवरिया, महोबा, सोनभद्र, चंदौली, मिश्रिख, भदोही के विकास के लिए 67.51 करोड़ की मंजूरी दी गई। विरासत सर्किट के तहत कालिंजर किला (बांदा) का विकास, मगहर धाम (संत कबीर नगर), चौरी चौरा, शहीद स्थल (फतेहपुर), महुअर शहीद स्थल (घोसी), शहीद स्मारक (मेरठ) के विकास के लिए 36.65 स्वीकृति दी गई। रामायण सर्किट के तहत अयोध्या के विकास के लिए 127.21 करोड़, आध्यात्मिक सर्किट के तहत जेवर, दादरी, सिकंदराबाद, नोएडा, खुर्जा, बांदा के लिए 12.03 करोड़ और आध्यात्मिक सर्किट गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर), देवीपट्टन मंदिर (बलरामपुर) एवं वटवाष्णि मंदिर (डोमरियागंज) के लिए 18.30 करोड़ की मंजूरी दी गई है।

करोड़ों की दी मंजूरी 

नई पहलों के तहत, संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एक राज्य परिप्रेक्ष्य योजना तैयार करता है, और पर्यटन मंत्रालय तदनुसार विकास के लिए स्थलों का चयन करता है। संशोधित योजना में चयनित स्थलों में ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं। सरकार ने तेलंगाना के अनानाथगिरि वन में भोंगिर किला अनुभवात्मक क्षेत्र और इको-पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए 56.81 करोड़ रुपये और 38.00 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

ग्रामीण सर्किट थीम के तहत पर्यटन मंत्रालय ने 101.62 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है। भितिहरवा-चंद्रहिया- तुरकौलिया पर्यटन स्थल को 44.27 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जायेगा। इसके अलावा सरकार ने पर्यटन स्थलों के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने, उन्नत करने और संवेदनशील बनाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर गंतव्य-आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। गंतव्य पहल के तहत लगभग 12,187 कार्डिडेट्स को 145 गंतव्यों पर प्रशिक्षित किया गया है।

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