Bareilly: 150 करोड़ का भुगतान आयुष्मान में फंसा, आंदोलन करने का आईएमए ने किया एलान

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार : आयुष्मान भारत योजना के तहत शासन स्तर से निजी अस्पतालों का करोड़ों का भुगतान लंबित है। इससे चिकित्सक परेशान हैं। बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बैठक कर लंबित भुगतान का मुद्दा उठाया। शासन से जल्द भुगतान कराने की मांग की। साथ ही भुगतान ने होने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

आईएमए भवन के सभागार में हुई बैठक में अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने बताया कि योजना के तहत अस्पतालों और नर्सिंग होम संचालकों के भुगतान में देरी और अनुचित कटौती ने चिकित्सा जगत में भारी असंतोष पैदा कर दिया है। यह समस्या न केवल चिकित्सा संस्थानों के संचालन को प्रभावित कर रही है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी असर डाल रही है।

बरेली सहित पूरे प्रदेश में छोटे अस्पतालों का लाखों में और बड़े अस्पतालों का करोड़ों में भुगतान लंबित है। कई अस्पतालों में अपने म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट तक तोड़ने की नौबत आ गई है। इस दौरान चिकित्सकों ने लंबित भुगतान शीघ्र करने और अनुचित कटौती बंद करने की मांग उठाई।

समस्या का निस्तारण न होने पर उग्र आंदोलन करने की बात कही। सचिव डॉ. रतन पाल, कोषाध्यक्ष डॉ. शिवम, उपाध्यक्ष डॉ. डीपी गंगवार, डॉ. गौरव गर्ग, कार्यकारिणी सदस्य डॉ. शालिनी महेश्वरी, आयुष्मान टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र गंगवार, डॉ. शरद (साई हॉस्पिटल), डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. अजय भारती, डॉ. निकुंज गोयल, डॉ. राजीव गोयल, डॉ. अतुल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

भुगतान को लेकर विभाग का दावा
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार जिले में योजना के तहत जिले में 238 अस्पताल संबद्ध हैं, जिसमें 178 निजी और 60 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। दावा है कि सभी अस्पतालों का करीब 87 फीसदी तक भुगतान किया जा चुका है। करीब 11 फीसदी भुगतान अभी वित्तीय संबंधी पोर्टल में खराबी के कारण फंसा है। लेकिन ये भी जल्द जारी करा दिया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग का दावा गलत है, बैठक में आए 40 से अधिक डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों में लंबित मामलों का ब्यौरा दिया, जिसका आकलन करने पर सामने आया कि पिछले छह महीने से जिले में ही 150 करोड़ से अधिक का भुगतान लंबित है। जबकि इसमें निजी मेडिकल कॉलेजों का ब्यौरा शामिल नहीं है, अगर इसको शामिल करें तो भुगतान का आंकड़ा 200 करोड़ से अधिक होगा- डॉ. आरके सिंह, अध्यक्ष, आईएमए।

स्वास्थ्य विभाग जिस 80 फीसदी भुगतान होने की बात कर रहा है, वो फाइलें छह माह पहले ही वित्तीय विभाग से फाइनल कर दी गई हैं, लेकिन वर्तमान में 10 फीसदी फाइलें भुगतान प्रक्रिया में शामिल नहीं हुई हैं। कोई न कोई आपत्ति लगाकर फाइलें रिजेक्ट कर दी जा रही हैं। जिससे यह समस्या गंभीर होती जा रही है- डॉ. रतन पाल सिंह, सचिव आईएमए।

योजना के तहत इलाज के बाद अस्पताल बिल आयुष्मान पोर्टल पर अपलोड करता है, जिसमें कोई कमी या आपत्ति है तो नियमानुसार 24 घंटे में उसका जवाब देना होता है। प्रत्येक अस्पताल पर केवल एक पोर्टल है। ऐसे में यदि मरीज की संख्या ज्यादा हो तो फाइलें पूरी अपलोड नहीं की जा सकती हैं। ऐसे में बड़े अस्पतालों को अतिरिक्त पोर्टल की सुविधा मिले, जिससे फाइलें समय पर अपलोड हो सकें- डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी,अध्यक्ष बरेली नर्सिंग होम एसोसिएशन।

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