सीरिया में फिर भड़की हिंसा: सरकार पर अचानक टूट पड़े असद समर्थक, अंधाधुंध गोलीबारी, 200 से ज्यादा की मौत

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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बेरूत। सीरिया की नई सरकार समर्थित लड़ाकों ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को कई गांवों पर हमला किया जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए। ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन ‘सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने यह जानकारी दी।मानवाधिकार संगठन के अनुसार ये हमले अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों द्वारा सरकारी सुरक्षा बलों पर किए गए हमलों के जवाब में किए गए। गांवों पर हमले बृहस्पतिवार को शुरू हुए और शुक्रवार को भी जारी रहे। 

मानवाधिकार समूह के अनुसार हालिया झड़पें तब शुरू हुईं जब सरकारी बलों ने बृहस्पतिवार को तटीय शहर जबलेह के पास एक वांछित व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान असद के वफादारों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। ‘सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के अनुसार बृहस्पतिवार और शुक्रवार को नयी सरकार समर्थित लड़ाकों ने शीर, मुख्तारियेह और हफ़्फ़ा गांवों पर हमला किया जिसमें 69 पुरुषों की मौत हो गई, किसी महिला को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। संगठन के प्रमुख रामी अब्दुर्रहमान ने कहा, ‘‘ उन्होंने सामने दिखाई देने वाले हर आदमी की हत्या कर दी।’’ 

बेरूत के ‘अल-मायदीन’ टीवी ने भी अपनी एक खबर में तीन गांवों पर हमलों की जानकारी दी और कहा कि सिर्फ मुख्तारियेह गांव में हमले में 30 से अधिक पुरुष मारे गए। मानवाधिकार संगठन के अनुसार दो दिन में झड़पों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। गांवों में बदले की भावना से किए गए हमलों में मारे गए लगभग 140 लोगों के अलावा, मृतकों में सीरिया के सरकारी बलों के कम से कम 50 सदस्य और असद के प्रति वफ़ादार 45 लड़ाके शामिल हैं। 

मार्च 2011 से सीरिया में जारी गृहयुद्ध में पांच लाख से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। सीरिया के अधिकारियों ने हमले की बात को स्वीकार किया है लेकिन मृतकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। दिसंबर की शुरुआत में इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व वाले विद्रोही समूहों द्वारा असद की सरकार को गिराए जाने के बाद से दोनों पक्षों के बीच झड़पें जारी हैं। 

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