Bareilly: बरसों से था जमानत पर बाहर आने का इंतजार...दौलत खां ने भरी पंचायत में की थीं दो हत्याएं

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली/फरीदपुर। फरीदपुर के गांव घारमपुर में दौलत खां की हत्या की पटकथा छह साल पहले उसी वक्त लिख गई थी जब उसने रास्ते का विवाद निपटाने के लिए बैठी पंचायत में अपने पड़ोसी नन्हे और उनकी भाभी की गोली मारकर हत्या की थी। नन्हे का परिवार तभी से दौलत खां के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहा था। चार महीने पहले वह जमानत पर रिहा हुआ, तभी से उसकी हत्या का तानाबाना बुना जाने लगा था। भतीजा रईस इसलिए मारा गया क्योंकि हमले के वक्त वह भी दौलत खां के साथ था।

शरीफ खां के पिता नन्हे और चाची अफसरिया की हत्या के आरोप में दौलत खां के साथ मोहलत, रहमत और इरशाद भी जेल गए थे। बदले की आग में सुलग रहे शरीफ खां के पक्ष के लोग उनके जमानत पर बाहर आने का इंतजार था। चार महीने पहले जमानत पर बाहर आए दौलत खां ने भतीजे रईस खां की साझेदारी में रामगंगा किनारे पालेज लगा ली थी जिसकी रखवाली के लिए रोज सुबह दोनों बाइक से जाते थे। बताया जा रहा है कि हमला करने से पहले आरोपियों ने कई दिन तक दोनों की रेकी कर हमले का समय तय किया था। इसी के तहत बृहस्पतिवार सुबह पालेज पर जाते वक्त दोनों को गोलियों से भून दिया गया।

गोलियों की तड़तड़ाहट से आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों में अफरातफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हत्या के बाद आरोपी दहशत फैलाने के लिए हवाई फायरिंग करते हुए भाग निकले। होली के मौके पर हुए दोहरे हत्याकांड ने पुलिस में भी खलबली मचा दी। एडीजी रमित शर्मा, एसएसपी अनुराग आर्य, एसपी दक्षिणी अनुष्का वर्मा, सीओ आशुतोष शिवम और इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाए।

नौ फुट चौड़े और 10 मीटर लंबे रास्ते के लिए गईं चार जानें

जिस रास्ते पर विवाद था, वह करीब 10 मीटर लंबा और नौ फुट चौड़ा है। दौलत खां और शरीफ खान के मकान आमने-सामने हैं। गांव में ही शरीफ ने 400 गज का प्लाट खरीदा था जिस पर जाने के लिए रास्ता नहीं है। दौलत खां ने उसे ये कहते हुए प्लाट खरीदने से मना किया था कि वह अपनी जगह से रास्ता नहीं देगा लेकिन शरीफ नहीं माने। विवाद तय करने के लिए वर्ष 2019 में गांव में पंचायत बुलाई गई थी। इसमें दौलत पक्ष ने रास्ता देने से मना किया तो विवाद बढ़ गया। इस पर दौलत ने तीन अन्य लोगों के साथ पंचायत में ही गोली मारकर नन्हे और अफसरिया की हत्या कर दी।

परिजनों ने कहा हमें नहीं पता था कि यही अंतिम रोजा होगा
दौलत खां और रईस दोनों रोजेदार थे। दोनों इफ्तारी के लिए शाम का खाना लेकर बाइक से पालेज पर जा रहे थे। रास्ते में ही दोनों की हत्या कर दी गई। मौके पर रोते-बिलखते पहुंचे परिजनों ने कहा कि उन्हें क्या पता था कि दोनों का यह आखिरी रोजा होगा। रईस खां के दो बेटे और एक बेटी समेत तीन बच्चे हैं। वह मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता था। उसका परिवार लगभग 60/65 गज के मकान में रहता है। उसकी पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।

 

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