Kanpur: रमजान में दिलों से मिटाएं खटास, बढ़ाएं मिठास; आपसी संबंध को मजबूत करने, रिश्तों में दरारें खत्म करने का मौका   

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Published By Nitesh Mishra
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बाबूपुरवा में कुरआन-ए-पाक का पहला दौर मुकम्मल होने पर जलसा

कानपुर, अमृत विचार। बाबूपुरवा में तरावीह में कुरआन-ए-पाक का पहला दौर मुकम्मल होने के मौके पर शहरकाजी डॉ. मुफ्ती यूनुस रजा ओवेसी ने कहा कि रमजान-उल-मुबारक का महीना आपसी संबंधों को मजबूत करने एवं रिश्तों में दरारें खत्म करने का महीना है। रिश्तेदारों के साथ अच्छा बर्ताव इस्लामी तालिमात का बुनियादी हिस्सा है।

शहरकाजी ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि आज के दौर में लोग अपने पर्सनल फायदे, गलत फहमियां, दुनियावी झगड़ों की वजह से एक दूसरे से दूर हो चुके हैं। भाई बहन से औलाद मां-बाप से आपस में नाराज हैं, रमजान हमें मौका देता है कि हम अपने दिलों से नफरतों को निकाल कर रिश्तेदारों के साथ तालुकात अच्छे करें चाहे वह हमसे कितना ही दूर क्यों ना हो। 

इस मुकद्दस महीने में हमें चाहिए कि हम पहल करते हुए रिश्तेदारों से संपर्क करें जो हमसे नाराज हैं, उनसे मोहब्बत से पेश आया जाए और अगर हमसे कोई गलती हुई हो तो उसकी माफी तलब करें। इन्हीं खूबियों की बुनियाद पर हम अपने रिश्तों की दरारें भर सकते हैं।

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