लोधी समाज की हुंकार: 'नेतृत्व करेंगे, दिशा देंगे और निर्णायक भूमिका निभाएंगे', रामभक्ति और राष्ट्रधर्म के साथ मनाया गया स्थापना दिवस
लखनऊ, अमृत विचार: रामभक्ति, राष्ट्रधर्म और सामाजिक स्वाभिमान की हुंकार के साथ अखिल भारतीय लोधी राजपूत कल्याण महासभा ने सोमवार को अपना प्रथम स्थापना दिवस मनाया। गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस सभागार में इस दौरान यह दृश्य केवल संगठन के एक वर्ष पूरे होने का उत्सव मात्र नहीं, बल्कि यहां उस वैचारिक धारा का भी उद्घोष सुनायी दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर आज हम देश और प्रदेश में सत्ता के शिखर पर हैं, तो उसमें कल्याण सिंह बाबूजी का बहुत बड़ा योगदान है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बाबूजी गरीबी और भूख को भाषणों से नहीं, जीवन से जानते थे। यही कारण था कि जब प्रभु श्रीराम का प्रश्न आया तो उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी को भी ठोकर मार दी। श्री पाठक ने कहा कि सत्ता से चिपके रहना सामान्य है, लेकिन सत्ता त्यागकर सिद्धांतों पर खड़ा होना असाधारण साहस है, और बाबूजी उसी साहस के प्रतीक थे।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय लोधी राजपूत कल्याण महासभा का प्रथम स्थापना दिवस समाज की एकता, संगठनात्मक सशक्तता और सर्वसमावेशी सोच का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि युवाओं का मार्गदर्शन करना, उन्हें संगठित करना और सांस्कृतिक चेतना के साथ सकारात्मक राष्ट्रनिर्माण की दिशा में आगे बढ़ाना लोधी समाज का दायित्व है। पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने कहा कि स्थापना दिवस पर उमड़ी भीड़ यह प्रमाण है कि एक वर्ष में ही संगठन शैशवावस्था से निकलकर परिपक्वता की ओर बढ़ चुका है।
सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि यदि कल्याण सिंह न होते तो राम मंदिर आंदोलन निर्णायक मुकाम तक नहीं पहुंचता। राम मंदिर का नाम आते ही हर हिंदू के मन में बाबूजी का चित्र उभर आता है, क्योंकि उन्होंने जो कहा, वही करके दिखाया।
