पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को जेल, ईडी टीम की ताबड़तोड़ छापेमारी
विनय शंकर और उनकी कंपनी के निदेशक अजीत पांडेय को ईडी टीम ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
लखनऊ डेस्क : वर्तन निदेशालय ईडी ने बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में सपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। टीम ने सोमवार सुबह ही उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। साथ ही, उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज का निदेशक अजीत पांडेय की भी गिरफ्तारी हुई है। ईडी ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश और बाद में जेल भेज दिया। विनय, पूर्वांचल के बाहुबली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं।
इसके पहले ईडी की टीम ने पूर्व विधायक के लखनऊ, गोरखपुर, नोएडा और मुंबई के ठिकानों सहित देश में लगभग दस जगहों पर एक साथ छापा डाला था। ईडी की छानबीन में सामने आया था कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था। बाद में इस रकम को उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया। इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
दरअसल, पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में जब्त कर दिया था। ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लि. द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में की थी। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के सभी निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। 2023 में ही राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनमें कृषि योग्य भूमि, व्यवसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर, आवासीय भूखंड आदि शामिल हैं। प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है।
यह भी पढ़ें:-Lucknow News : तेज धमाके से उड़ी पटाखा गोदाम की छत, एक घायल
