Health Tips: गोरा करने वाली क्रीम से किडनी को हो रहा नुकसान, दो सगी बहनों की जांच से हुआ खुलासा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। गोरा करने वाली क्रीम का अधिक इस्तेमाल करने से लड़कियों की किडनी पर असर पड़ रहा है। चौंका देने वाला यह खुलासा लखनऊ एसजीपीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग में हुआ है। यह जानकारी तब हुई जब एक युवती एसजीपीआई में किडनी की समस्या से ग्रस्त पहुंची। लड़की की बहन ने भी क्रीम का प्रयोग किया और उसको भी यह समस्या हुई।

परेड स्थित आईएमए सभागार में शुक्रवार को तीन दिवसीय आईएमए सीजीपी सब फैकल्टी के 42वें रिफ्रेशर कोर्स की शुरुआत की गई। लखनऊ एसजीपीआई के नेफ्रोलॉजिस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नारायन प्रसाद ने बताया कि खूबसूरत दिखने की चाह में एक युवती ने एक क्रीम का अधिक प्रयोग किया, उसको किडनी संबंधित दिक्कत होने पर वह पीजीआई आईं। हिस्ट्री पूछने और बायोप्सी के माध्यम से जानकारी हुई कि क्रीम की वजह से युवती को यह समस्या हुई, जानकारी होने पर युवती ने अपनी बहन की भी जांच कराई तो उसको भी किडनी संबंधित समस्या देखने को मिली। एक साल में ऐसे करीब 10 मामले सामने आ चुके हैं। 

उन्होंने रिफ्रेशर कोर्स में इस बात को डॉक्टरों के साथ साझा किया और जागरूक कर मरीजों की हिस्ट्री सही तरह से पूछने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि केमिकल युक्त पदार्थ और आयुर्वेद दवा का अधिक इस्तेमाल करने से किडनी को नुकसान पहुंचता है। इस संबंध में 535 मरीजों पर स्टडी की, जिनमें से 47 फीसदी एक्यूट इंटरस्टिशियल नेफ्राइटिस (एएनआई) से ग्रस्त मिले। शहर के डॉ. युवराज गुलाटी ने बताया कि अगर व्यक्ति को अनकंट्रोल शुगर, ब्लड प्रेशर, हाईपरटेशन या यूरिन में प्रोटीन आने की समस्या है तो ऐसे में किडनी संबंधित जांच जरूर करानी चाहिए। रिफ्रेशन कोर्स में डॉ. उमेश पालीवाल, डॉ. रश्मि कपूर व डॉ. राजीव कक्कड़ ने भी जानकारी साझा की।

अधिक सांस फूले व बेहोशी आए तो रहें सतर्क

एलपीएस कॉर्डियोलॉजी संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ उमेश्वर पांडेय ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति की अगर पहली बार काफी ज्यादा सांस फूले, बात तक न कर पाए, पसीना अधिक आए, घबराहट, बेचैनी व बेहोशी ही तो लापरवाही बिल्कुल भी न करे। ऐसे में तत्काल पास के कॉर्डियोलॉजिस्ट से इलाज कराए। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश शर्मा ने बताया कि हार्ट फेल्योर का मुख्य कारण दिल को पर्याप्त ब्लड सप्लाई व ऑक्सीजन न मिलना होता है। दिल की बीमारी की पहचान के लिए ईको और ईसीजी कराना अधिक महत्वपूर्ण है।

ये लोग रहे मौजूद

कॉर्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा, आईएमए अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी, डॉ. शालिनी मोहन, सचिव डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. एसके गौतम, डॉ. दीपक श्रीवास्तथ डॉ. कुणाल सहाय, डॉ. अनीता गौतम, डॉ. गौरव मिश्रा, डॉ. अमित गौर, डॉ. अनुरोग मेहरोत्रा, डॉ. गणेश शंकर, डॉ. विनय कटियार, डॉ. आशीष मिश्रा, डॉ. रिचा गिरी समेत आदि डॉक्टर मौजूद रहे। 

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